नई दिल्ली। आर्थिक मोर्चे पर ब्रिटेन को पीछे छोड़कर भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए ये अच्छी खबर है क्योंकि कोरोना महामारी के बाद भारत की इकोनॉमी धीरे-धीरे उभर रही है।
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार , साल 2021 के अंतिम तीन माह में ब्रिटेन को पीछे छोड़ते हुए भारत विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी इकोनॉमी बन गया। गणना अमेरिकी डॉलर में आधारित है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के सकल घरेलू उत्पाद के आंकड़ों के अनुसार,भारत ने पहली तिमाही में अपनी बढ़त हासिल कर ली है।
अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में ब्रिटेन की गिरावट नए प्रधान मंत्री के लिए एक बड़ी चुनौती साबित होने वाली है। कंजर्वेटिव पार्टी के सदस्य सोमवार को बोरिस जॉनसन के उत्तराधिकारी का चयन करगें। विदेश मंत्री लिज ट्रुज के इस रेस में भारतीय मूल के मंत्री ऋषि सुनक को पीछे छोड़ने की संभावना है। लिज चार दशकों में सबसे तेज मुद्रास्फीति और मंदी के बढ़ते जोखिमों का सामना करने वाले देश को संभालने जा रही हैं।
वहीं दूसरी ओर भारतीय अर्थव्यवस्था तमाम चुनौतियों के बाद भी तेज रफ्तार से आगे बढ़ रही है। ताजा आंकड़ों के अनुसार, जून 2022 तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था ने 13.5 फीसदी की शानदार दर से वृद्धि दर्ज की है। हालांकि भारतीय स्टेट बैंक के चीफ इकोनॉमिस्ट सौम्य कांति घोष ने वित्त वर्ष 23 के लिए जीडीपी ग्रोथ अनुमान को घटा दिया है।
पूरे साल के लिए इसे 7.5% से घटाकर 6.8% कर दिया गया है। सकल घरेलू उत्पाद के फोरकास्ट को कम करने का कारण स्टैटिस्टिकल एडजेस्टमेंट को बताया गया है। हालांकि वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में ग्रोथ मोमेंटम में तेजी की उम्मीद जताई गई है।
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