लखनऊ। राजधानी लखनऊ स्थित लोकभवन की सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी अब उत्तर प्रदेश विशेष सुरक्षा बल (यूपीएसएसएफ) के हाथों में रहेगी। अत्याधुनिक हथियारों से लैस यह फोर्स सीआईएसएफ की तर्ज पर गठित की गई है, जिसको गिरफ्तारी का भी अधिकार दिया गया है।
प्रदेश के प्रमुख स्थान जैसे लोकभवन, विधान भवन, एयरपोर्ट, न्यायालयों, मेट्रो व बडे़ व्यावसायिक प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के लिए सरकार ने स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स (यूपीएसएसएफ) गठित किया है। इसकी पांच यूनिट प्रदेश में तैयार हो गई हैं। पहली यूनिट ने लोकभवन की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाल ली है।
प्रदेश सरकार ने दूसरी बार सत्ता संभालने के साथ ही एक विशेष सुरक्षा दल के गठन का आदेश जारी किया था। इसे यूपीएसएसएफ नाम दिया गया था। इस विशेष दल का गठन पुलिस के विशेष अधिकारियों द्वारा किया गया है। यूपी पुलिस, आर्म्स फोर्स व पीएसी के चिह्नित जवानों को इसमें शामिल किया गया है। इनको सीतापुर में 90 दिन तक कमांडों की तरह ट्रेनिंग दी गई है। स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स को लखनऊ, प्रयागराज, मथुरा, गोरखपुर और सहारनपुर में तैनात किया गया है। वहीं छठीं यूनिट अयोध्या के लिए प्रस्तावित है।
लोक भवन के तीन गेटों की सुरक्षा करेंगे
एडीजी पीएसी डॉ. केएस प्रताप कुमार के निर्देशन में ही स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स काम करेगी। पहले चरण में लोकभवन के गेट नंबर 3, 7 और 9 की सुरक्षा सौंपी गई है। हर गेट पर 4 सिपाही व एक एचसीपी को तैनात किया गया है। अगले चरण में प्रदेश के न्यायालयों व अन्य सरकारी भवनों की सुरक्षा भी एसएसएफ संभालेंगी। एक यूनिट में 75 टीमें है। प्रत्येक टीम में 24 जवान रखे गए हैं।
एमपी-5 गन से लैस रहेंगे जवान
स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स के जवानों को एके-47 का अपडेट वर्जन एमपी-5 गन दी गई है। वहीं स्कैनर व अन्य जरूरी उपकरण भी उपलब्ध कराए गए हैं ताकि वह विपरीत परिस्थितियों में वीआईपी की सुरक्षा कर सकें। इन जवानों को वीआईपी सुरक्षा के अलावा आम लोगों से किस तरह व्यवहार करना है, इसका भी प्रशिक्षण दिया गया है।
Discussion about this post