नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बड़ा फैसला लेते हुए बाबरी मस्जिद विध्वंस और गुजरात दंगों से जुड़े मामलों को बंद करने का आदेश दिया है। अदालत ने कहा कि गुजरात दंगों को लेकर दायर कई याचिकाओं का अब कोई अर्थ नहीं है। ऐसे में उन पर कार्यवाही को बंद किया जा रहा है। अदालत ने कहा कि गुजरात दंगों के 9 में से 8 मामलों में ट्रायल पूरा हो चुका है। इसके अलावा कोर्ट ने बाबरी मस्जिद विध्वंस से जुड़े अवमानना के मामले को भी बंद करने का आदेश दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने 2002 के गुजरात दंगों से जुड़े सभी केस की सुनवाई को बंद कर दिया है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस से जुड़े केस की सुनवाई को भी बंद करने का फैसला लिया है। बाबरी विध्वंस मामले में यूपी सरकार और प्रदेश के अधिकारियों के खिलाफ जुड़े सभी केस की सुनवाई को बंद करने का फैसला लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि समय बीतने के साथ और 2019 में अयोध्या जमीन केस पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कोर्ट की अवमानना के केस अब नहीं टिक सकते। गोधरा दंगों के बाद के केस को लेकर कोर्ट ने कहा कि समय बीतने के साथ ही ये केस अब निष्फल हो गए हैं।
इस बीच सुप्रीम कोर्ट एक्टिविस्ट तीस्ता सीतलवाड़ की याचिका पर भी सुनवाई करेगी। तीस्ता सीतलवाड़ को गुजरात दंगों से जुड़े फर्जी सबूत पेश करने और निर्दोष लोगों को फंसाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता जोकि गुजरात केस में कोर्ट में पेश हुए उन्होंने जस्टिस यूयू ललित की बेंच से कहा कि सीतलवाड़ की याचिका तैयार है लेकिन उसमे कुछ सुधार की जरूरत है। बता दें कि 22 अगस्त को शीर्ष कोर्ट ने गुजरात सरकार से सीतलवाड़ की जमानत याचिका पर जवाब मांगा था। सीतलवाड़ को जून माह में गिरफ्तार किया गया था।
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