लखनऊ। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। 15 साल पुराने हेट स्पीच के मामले में अदालत ने योगी के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया है। शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि योगी पर हेट स्पीच देने का मुकदमा नहीं चलेगा। 2007 के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फरवरी 2018 में फैसला सुनाते हुए योगी आदित्यनाथ के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति नहीं दी थी। इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी।
याचिकाकर्ता परवेज परवाज का कहना था कि तत्कालीन सांसद योगी आदित्यनाथ के भाषण के बाद 2007 में गोरखपुर में दंगा हुआ था। इसमें कई लोगों की जान चली गई थी। साल 2008 में दर्ज एफआईआर की राज्य सीआईडी ने कई साल तक जांच की। उसने 2015 में राज्य सरकार से मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी। याचिका में कहा गया है कि मई 2017 में राज्य सरकार ने अनुमति देने से इनकार कर दिया। जब राज्य सरकार ने मुकदमा चलाने की अनुमति देने से इनकार किया, तब तक योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बन चुके थे। ऐसे में अधिकारियों की तरफ से लिया गया यह फैसला दबाव में लिया गया हो सकता है।
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने बहस सुनकर फैसला सुरक्षित रख लिया था। तब कोर्ट ने सवाल किया था कि जब केस क्लोज हो गया तो अभियोजन का मुद्दा कैसा बनता है। योगी की तरफ से पेश हुए वकील ने कहा था कि मुद्दे का राजनीतिकरण हो रहा है। इस मामले में राज्य सरकार ने योगी के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी नहीं दी थी जिसके बाद मामले में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल हुई और केस बंद हो गया था।
यूपी सरकार की ओर से वकील मुकुल रोहतगी ने कहा, इस मामले में कुछ बचा ही नहीं। उन्होंने कहा, सीएफएसएल के पास सीडी भेजी गई थी और पाया गया कि उसके साथ छेड़छाड़ हुआ था। साथ ही याचिकाकर्ता ने जो मुद्दा उठाया है हाईकोर्ट ने उस पर ध्यान दिया है।
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