कोझाीकोड। केरल के कोझाीकोड जिला सत्र न्यायाधीश एक कृष्ण कुमार को कोल्लम श्रम न्यायालय में पीठासीन अधिकारी के रूप में स्थानांतरित कर दिया गया है। ये वो ही जज हैं जो हाल ही में अपने विवादित बयान के कारण जमरकर सुर्खियों में आए थे।
केरल उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार-जनरल पी कृष्ण कुमार ने मंगलवार को तबादला सूची जारी की, जिसमें तीन अन्य जिला स्तरीय न्यायिक अधिकारियों के स्थानांतरण शामिल हैं। जज कृष्ण कुमार ने कहा था अगर महिला ‘यौन उत्तेजक’ कपड़े नहीं पहनेगी तो यौन उत्पीड़न अपराध नहीं होगा।
कृष्ण कुमार की टिप्पणियों ने लेखक और सामाजिक कार्यकर्ता सिविक चंद्रन को दो कथित यौन उत्पीड़न मामलों में अग्रिम जमानत देते हुए केरल में आक्रोश फैला दिया था। जिसके बाद राज्य सरकार ने जिला अदालत के फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील की थी।
पहले मामले में की थी ये टिप्पणी
पहले मामले में चंद्रन को जमानत देते हुए, न्यायाधीश ने कहा था कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत अपराध प्रथम दृष्टया आरोपी के खिलाफ नहीं होंगे क्योंकि यह “अत्यधिक अविश्वसनीय है कि वह शरीर को छूएगा” पीड़िता पूरी तरह से जानती है कि वह अनुसूचित जाति की सदस्य है।
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