आधार नहीं जमा करने पर वोटर लिस्‍ट से नहीं हटेगा नाम, चुनाव आयोग ने अफवाहों पर दी सफाई

नई दिल्‍ली। भारत निर्वाचन आयोग ने कहा कि आधार वोटर लिस्‍ट में ना जुड़वा पाने की स्थिति में मतदाता सूची में दर्ज किसी भी रिकॉर्ड को नहीं हटाया जाएगा। आयोग ने सोशल मीडिया में इसे लेकर फैली एक अफवाह पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।

चुनाव आयोग ने कहा, ”सोशल मीडिया पर फैलाई गई अफवाहों के संदर्भ में यह कहा जा रहा है कि मतदाताओं के लिए फॉर्म-6बी भरकर जमा करना उनकी इच्‍छा के अनुरूप है। अगर कोई व्यक्ति आधार संख्या प्रस्तुत करने या सूचित करने में असमर्थ है तो इस स्थिति में मतदाता सूची में दर्ज जानकारी नहीं हटाई जाएगी।” निर्वाचन आयोग ने इस साल 4 जुलाई को समस्‍त राज्यों के सभी मुख्य चुनाव अधिकारियों को जारी किए गए अपने पत्र का भी हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि मतदाता सूची में प्रविष्टियों का प्रमाणीकरण करने और मतदाताओं की पहचान स्थापित करने के लिए आधार लिंक कराना मतदाताओं के लिए स्‍वैच्छिक होगा।

मतदाता सूची के आंकड़ों के साथ आधार संख्या को जोड़ने के लिए संशोधित पंजीकरण फॉर्म में मतदाताओं के आधार विवरण प्राप्त करने का प्रावधान किया गया है। इस वक्‍त मौजूद मतदाताओं की आधार संख्‍या एकत्र करने के लिए एक नए फॉर्म-6 बी की पेशकश की गई है। चुनाव आयोग ने पत्र में लिखा है, ”लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 23 में किए गए संशोधन में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि मतदाता सूची में पंजीकरण के लिए आवेदन करने वाले नागरिक स्वैच्छिक रूप से अपने आधार का विवरण उपलब्‍ध करा सकते हैं। संशोधन में प्रावधान है कि मतदाता सूची में प्रविष्टियों का प्रमाणीकरण करने और मतदाताओं की पहचान स्थापित करने के लिए आधार लिंक कराना मतदाताओं के लिए स्‍वैच्छिक होगा।”

निर्वाचन आयोग ने कहा, ”पत्र में इस बात का भी जिक्र है कि यदि मतदाता के पास आधार संख्या नहीं है या वह अपना आधार नंबर प्रस्तुत करने में किसी वजह से सक्षम नहीं है, तो उसे फॉर्म 6बी में उल्लिखित ग्यारह वैकल्पिक दस्तावेजों में से किसी एक की एक प्रति जमा करनी होगी।”

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