पटना। बिहार की नई सरकार के विधि मंत्री कार्तिक सिंह के एक अपहरण मामले में वारंटी होने की खबर आने के बाद राजनीति गर्म हो गई है। इसी बीच चुनाव सुधारों के लिए काम करने वाली संस्था एडीआर की रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें सरकार के 72 प्रतिशत मंत्रियों के किसी न किसी आपराधिक मामले में आरोपित होने की जानकारी दी गई है। महागठबंधन सरकार के कुल 23 मंत्रियों पर आपराधिक मुकदमे चल रहे हैं। इनमें 17 पर तो गंभीर क्रिमिनल मामले दर्ज हैं।
एडीआर की यह रिपोर्ट चुनाव आयोग को विधान सभा या विधान परिषद चुनाव के वक्त दिए गए शपथ पत्र के आधार पर तैयार की गई है। सबसे पहले बात उस मंत्री की, जिसके कारण विवाद खड़ा हुआ है। कार्तिक सिंह आरजेडी कोटे से कानून मंत्री हैं। उनके खिलाफ अपहरण के एक मामले में कोर्ट ने वारंट जारी किया था। 16 अगस्त को उन्हें अदालत में उपस्थित होना था, किंतु उसी दिन उन्होंने मंत्री पद की शपथ ली। हालांकि, उनका कहना है कि कोर्ट ने इस मामले में उन्हें बीते 12 अगस्त को ही एक सितंबर तक राहत दे दी है।
कानून मंत्री को लेकर हुए इस विवाद पर बीजेपी ने राज्य सरकार पर जमकर हमला किया है। बीजेपी नेता व राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि कार्तिक सिंह जैसे अपराधी को मंत्रिमंडल में शामिल करना नीतीश कुमार की बड़ी गलती और लापरवाही है। उन्होंने कानून मंत्री की बर्खास्तगी की मांग की है। इस विवाद व बीजेपी के बयान पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रतिक्रिया भी आई है। उन्होंने कहा है कि कार्तिकेय सिंह पर लगे आरोपों के बारे में उन्हें जानकारी नहीं है।
दागी मंत्रियों में नंबर वन आरजेडी के सुरेंद्र यादव
बात महागठबंधन की नई सरकार में शामिल अन्य मंत्रियों की करें तो दागी मंत्रियों में आरजेडी के सुरेंद्र यादव टाप पर हैं। उनपर कुल नौ आपराधिक मामले दर्ज हैं। आइए डालते हैं नजर, सरकार के मंत्रियों के मुकदमों पर।