नोएडा। सुपरटेक-एमरॉल्ड कोर्ट के निर्माण के दौरान हुए फर्जीवाड़े मामले में हाउसिंग भूखंड पर बने अवैध टॉवरों को एनओसी देने वाले तीन तत्कालीन मुख्य अग्निशमन अधिकारी (सीएफओ) के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। तीनों सेवानिवृत्त हो चुके हैं।
कोतवाली फेज-टू में तत्कालीन मुख्य अग्निशमन अधिकारी महावीर सिंह, राजपाल त्यागी और आईएस सोनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। डीआईजी फायर सर्विस की अध्यक्षता में गठित जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर यह कार्रवाई की गई है। अब मामले की जांच नोएडा पुलिस कर रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक लिमिटेड को आवंटित ग्रुप हाउसिंग भूखंड पर बने अवैध टावर संख्या टी-16 तथा टी-17 को ध्वस्त करने के आदेश दिए हैं। इस प्रकरण में शासन के आदेश पर अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त संजीव मित्तल की अध्यक्षता में जिम्मेदारी तय करने के लिए कमेटी का गठन किया गया था। मित्तल कमेटी ने उस समय नोएडा में अलग-अलग पदों पर तैनात रहे चार आईएएस समेत कुल 26 अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया था।
वहीं इस मामले की जांच में सामने आया है कि ग्रुप हाउसिंग भूखंड संख्या-जीएच-4, सेक्टर-93 ए का आवंटन और मानचित्र स्वीकृति वर्ष 2004 से 2012 के मध्य की है। इस पर मानचित्र स्वीकृति वर्ष 2005, 2006, 2009 और 2012 में दी गई थी। अवैध रूप से स्वीकृत मानचित्रों के आधार पर हुए निर्माण को अग्निशमन विभाग ने लापरवाही बरतते हुए अपना अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) दे दिया।