मुंबई। देश के जाने-माने उद्योगपति रतन टाटा ने मंगलवार को एक स्टार्टअप गुडफेलोज में इंवेस्ट करने की घोषणा की है। देश के सीनियर सिटीजन्स के लिए ये पहला कम्पैनियनशिप स्टार्टअप है। इस स्टार्टअप का मकसद है कि युवाओं और शिक्षित ग्रेजुएट्स के जरिए अकेले रहने वाले बुजुर्गों की मदद की जाए। बीते 6 महीनों में ‘गुडफेलोज’ ने काफी सफलता पाई है और अब ये मुंबई, पुणे, चेन्नई और बेंगलुरु में भी जल्द ही उपलब्ध होगा।
गुडफेलोज का मुख्य फोकस देश के वो बुजुर्ग हैं, जो अकेले रहते हैं। भारत में करीब 5 करोड़ बुजुर्ग अपने जीवन में अकेले हैं। इनमें कई ऐसे हैं, जिन्होंने अपने जीवनसाथी को किसी वजह से खो दिया और कई बुजुर्गों के परिजन दूसरी जगह जाकर रहने लगे, इसलिए वह अकेलेपन का जीवन गुजार रहे हैं। गुडफेलोज के बिजनेस मॉडल के तहत बुजुर्गों को पहला महीना पूरी तरह मुफ्त मिलेगा।
इसके बाद दूसरे महीने से एक छोटा सा मेंबरशिप चार्ज लगेगा, जिसे बुजुर्गों की पेंशन के आधार पर तय किया गया है। अच्छी बात ये है कि बुजुर्गों की सेवा के साथ-साथ कई युवाओं को गुडफेलोज के साथ इंटर्नशिप का भी मौका मिलेगा।
इस नए स्टार्टअप के संस्थापक शांतनु नायडू हैं। कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से पढ़े 25 साल के नायडू टाटा के कार्यालय में उप महाप्रबंधक हैं। 2018 से वह टाटा की सहायता कर रहे हैं। शांतनु टाटा ट्रस्ट में डिप्टी जनरल मैनेजर हैं। टाटा में काम करने वाले वह अपने परिवार की 5वीं पीढ़ी हैं। वह सितंबर 2014 से टाटा ट्रस्ट के साथ काम कर रहे हैं।
शांतनु नायडू एक बिजनेसमैन, इंजीनियर, सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर, लेखक और एंटरप्रेन्योर हैं।28 वर्षीय शांतनु नायडू ने कॉर्नेल विश्वविद्यालय से MBA की पढ़ाई की है। ये वही शांतनु हैं, जिनका रतन टाटा के साथ एक वीडियो वायरल हुआ था। इस वीडियो में रतन टाटा एक कुर्सी पर बैठे थे और उनके सामने एक छोटा सा कप केक रखा था। इसके बाद शांतनु ने टाटा के कंधे पर हाथ भी रखा था और उन्हें केक खिलाया था।