श्रीनगर। कांग्रेस में बड़े नेताओं के बीच चल रही अंतर्कलह एक बार फिर सामने आई है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद को कांग्रेस आलाकमान का एक और फैसला पसंद नहीं आया और उन्होंने जम्मू-कश्मीर में प्रचार समिति का अध्यक्ष बनाए जाने के दो घंटे बाद ही पद से इस्तीफा दे दिया।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मंगलवार को दिल्ली में लंबे विचार-विमर्श के बाद विकार रसूल को जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त किया और कई समितियों का गठन भी किया। पार्टी सूत्रों के मुताबिकगुलाम नबी आजाद कमेटियों के गठन से खुश नहीं थे। उन्होंने कहा कि समितियों का गठन करते समय उन्हें विश्वास में नहीं लिया गया।
बताया जा रहा है कि आजाद ने आलाकमान से पहले ही कह दिया था कि वह जम्मू-कश्मीर की कोई जिम्मेदारी नहीं लेंगे। हालांकि, वह पार्टी के लिए काम करते रहेंगे। इतना ही नहीं विकार रसूल को प्रदेश प्रमुख बनाए जाने से जम्मू-कश्मीर में पार्टी में नाराजगी तेज हो गई है। पार्टी के दो वरिष्ठ नेताओं हाजी राशिद ने समितियों से इस्तीफा दे दिया है और गुलजार अहमद वानी और मोहम्मद अमीन भट्ट ने समितियों से इस्तीफा दे दिया है।
बताया जा रहा है कि विकार रसूल के नाम का जीएम सरूरी समेत कई नेताओं ने विरोध किया था और दिल्ली में पार्टी आलाकमान ने जम्मू-कश्मीर के नेताओं से बातचीत भी की थी। आजाद भी इसका हिस्सा रहे हैं। काफी मशक्कत के बाद विकार रसूल मुखिया बनने में सफल रहे।
गुलाम नबी आजाद ने पार्टी आलाकमान को चार नाम सौंपे थे, जिसमें विकार रसूल, जीएम सरूरी, गुलाम नबी मोंगा और पीरजादा मोहम्मद सईद शामिल थे। इसके बाद विकार रसूल के नाम पर जोर दिया गया। विकार को मुख्य पद सौंपने में राहुल गांधी ने अहम भूमिका निभाई थी।