मुंबई। कास्ट स्क्रूटनी कमिटी ने NCB के पूर्व ज़ोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े को क्लीन चिट दे दी है। आर्यन खान ड्रग केस के बाद एनसीपी नेता नवाब मलिक ने जोनल अधिकारी समीर वानखेड़े पर कई आरोप लगाए थे। मलिक ने कहा था कि वानखेड़े ने नौकरी पाने के लिए अपनी जाति छुपाई।
मुंबई NCB के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े की कास्ट सर्टिफिकेट पर उठ रहे सवाल के बाद शिकायत दर्ज की थी। मुंबई पुलिस को दो शिकायत मिली जिसमें शिकायतकर्ता का कहना था कि वानखेड़े का कास्ट सर्टिफिकेट फर्जी है और जिसे पाने के लिए दस्तावेज़ों से छेड़छाड़ की गई है ताकि उन्हें SC कैटेगरी में नौकरी मिल सके। शिकायतकर्ता ने सबूत के तौर पर कमेटी को वानखेड़े का बर्थ सर्टिफिकेट और निकाहनामा दिया था। उन्हीं शिकायतों के आधार पर पुलिस ने SIT का गठन कर जांच शुरू की थी।
वहीं जांच समिति ने वानखेड़ को क्लीनचिट दे दी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि वानखेड़े जन्म से मुसलमान नहीं थे। इतना ही नहीं यह भी साबित नहीं होता है कि वानखेड़े और उनके पिता ने इस्लाम धर्म अपना लिया था। हालांकि, जांच में यह जरूर साबित हुआ है कि वह महार-37 अनुसूचित जाति से संबंध रखते हैं।
मलिक ने अपने ट्विटर हैंडल पर वानखोड़े के जन्म प्रमाण पत्र की एक कॉपी पोस्ट की थी, जिसमें उनके पिता का नाम दाऊद वानखेड़े बताया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि वानखेड़े ने एससी श्रेणी के तहत IRS में नौकरी हासिल करने के लिए ‘जाली’ दस्तावेजों का इस्तेमाल किया है। आईआरएस अधिकारी वानखेड़े, पिछले साल एनसीबी से जुड़े थे। इस महीने की शुरुआत में उनके अटैचमेंट को छह महीने और बढ़ा दिया गया था।
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