नई दिल्ली। भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) ने आज से स्वतंत्रता दिवस तक मनाए जा रहे ‘हर घर तिरंगा’ अभियान के बीच शनिवार को देश की सीमाओं, केंद्रों और देश भर के विभिन्न क्षेत्रों में राष्ट्रीय ध्वज फहराया।
भारत आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। 13 से 15 अगस्त तक यह अभियान चलाया जाएगा।ITBP के जवानों और तीर्थयात्रीयों ने स्थानीय लोगों के साथ ‘हर घर तिरंगा’ अभियान के तहत बद्रीनाथ पर आयोजित तिरंगा यात्रा में भाग लिया। फोर्स 3,488 किलोमीटर भारत-चीन सीमा पर उच्च ऊंचाई पर स्थित अपनी सीमा चौकियों पर राष्ट्रीय ध्वज फहरा रहा है और साथ ही सीमावर्ती आबादी के बीच अभियान को बढ़ावा दे रहा है। आईटीबीपी के जवानों को लद्दाख और उत्तराखंड सहित कई शीर्ष ऊंचाई वाली सीमाओं पर राष्ट्रीय ध्वज के साथ देखा गया।
लद्दाख में 18,400 फीट की ऊंचाई पर भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के जवानों ने तिरंगा फहराया। फोर्स ने एक विशेष गीत भी जारी किया। ITBP के एक जवान अर्जुन खेरियाल ने एक विशेष ‘जय हिंद’ गीत की रचना की है और इसे देश के उन बहादुर सैनिकों को समर्पित किया है। यह गीत सभी सैनिकों को समर्पित है जो अपने देश के लिए अपने कर्तव्यों का पालन कर रहे हैं।
केंद्र सरकार की ओर से ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के तहत ‘हर घर तिरंगा’ अभियान की शुरुआत की गई है। इसमें नागरिकों से भारत की आजादी के 75 वें वर्ष को चिह्नित करने के लिए अपने घर पर तिरंगा फहराने का आग्रह किया गया है। पिछले साल, केंद्र ने आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ पहल की घोषणा की थी।
एक नागरिक, एक निजी संगठन या एक शैक्षणिक संस्थान सभी दिनों और अवसरों पर राष्ट्रीय ध्वज फहरा सकता है या प्रदर्शित कर सकता है। ध्वज प्रदर्शन के समय पर कोई प्रतिबंध नहीं है। सरकार ने भारतीय ध्वज संहिता में संशोधन किया है ताकि तिरंगे को खुले में और अलग-अलग घरों या इमारतों में दिन-रात प्रदर्शित किया जा सके।
भारतीय ध्वज संहिता को पहले पिछले साल दिसंबर में संशोधित किया गया था, जिसमें कपास, ऊन, रेशम और खादी के अलावा हाथ से काते, हाथ से बुने हुए और मशीन से बने झंडे बनाने के लिए पॉलिएस्टर के उपयोग की अनुमति दी गई थी।
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