नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने विभिन्न राज्यों में आइएएस और आइपीएस के रिक्त पदों के बारे में संसद में जानकारी दी है। उसने कहा है कि राज्यों में एक जनवरी 2022 की स्थिति के अनुसार, भारतीय प्रशासनिक सेवा (आइएएस) के 1,472 और भारतीय पुलिस सेवा (आइपीएस) के 864 पद रिक्त हैं।
कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने राज्य सभा में एक सवाल के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि रिक्तियां होना और उनका भरा जाना एक सतत प्रक्रिया है। सरकार का प्रयास है कि सभी रिक्तियों को जल्द भरा जाए। संघ लोक सेवा आयोग प्रति वर्ष आइएएस व आइपीएस श्रेणी में सीधी भर्ती के आधार पर रिक्तियों को भरने के लिए सिविल सेवा परीक्षा आयोजित करता है। उन्होंने एक अन्य सवाल के जबाव में कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आइएएस) के 14 ऐसे अधिकारी प्रतिनियुक्ति पर तैनात हैं, जो 12 राज्यों के कैडर से आते हैं।
पीएमओ में सीधी (लेटरल) भर्ती के माध्यम से नियुक्त अधिकारियों की संख्या के बारे में पूछे गए एक सवाल का भी सिंह ने उत्तर दिया। कहा कि लेटरल भर्ती के माध्यम से विशिष्ट कार्यो के लिए विशेष ज्ञान और विशेषज्ञता को ध्यान में रखते हुए नियुक्ति का प्रविधान है।
इसके अलावा लेटरल भर्ती के तहत भरा जाने वाला प्रत्येक पद एक विशिष्ट कार्य में एकल पद होता है। उन्होंने कहा कि उम्मीदवारों को या तो संविदा के आधार पर या राज्य सरकारों, संघ शासित प्रदेशों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, स्वायत्त निकायों, विश्वविद्यालयों आदि से प्रतिनियुक्ति केआधार पर नियुक्त किया जाता है। इसके अलावा, पदोन्नति कोटे में रिक्तियों को भरने के लिए यूपीएससी द्वारा राज्य सरकारों के साथ चयन समिति की बैठकें आयोजित की जाती हैं।
कार्मिक राज्य मंत्री सिंह ने कहा कि मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी सिविल सेवकों के लिए देश का प्रमुख प्रशिक्षण संस्थान है। बासवान समिति ने इसके संबंध में सिफारिश की थी कि 180 से ज्यादा संख्या एलबीएसएनएए की बैच क्षमता से अधिक होगी और अधिकारियों के प्रशिक्षण की गुणवत्ता से समझौता करेगी। सिविल सेवा परीक्षा 2020 के बाद से आईपीएस अधिकारियों के प्रशिक्षण बैच में उम्मीदवारों की संख्या 200 कर दी गई है।
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