कानपुर। नशे के धुत में ड्यूटी पर आने और सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री के खिलाफ अशोभनीय टिप्पणी करने के कारण कानपुर के दरोगा को जबरन रिटायर कर दिया गया है। कानपुर कोतवाली में तैनात दरोगा नागेंद्र यादव के खिलाफ अनुशासनहीनता के तहत कार्रवाई की गई है।
सीएम ने आदेश जारी किया था कि 50 साल से अधिक की उम्र वाले अनुशासनहीन पुलिसकर्मियों की सूची बनाकर अनिवार्य रूप से रिटायर कर दिया जाए। सूची तैयार होने के साथ ही उसपर कार्रवाई भी शुरू हो गई है। कानपुर कोतवाली में तैनात दरोगा नागेंद्र यादव के ऊपर भी इसी आदेश के तहत गाज गिरी। रिटायर किए गए नागेंद्र के ट्रैक रिकॉर्ड में भी खामियां मिली हैं।
दस साल में तीन बार उसे परनिंदा लेख से दंडित किया गया। उस पर सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के खिलाफ टिप्पणी करने के मामले में भी दोषी पाया गया। यही नहीं, अफसरों के सीयूजी नंबर पर फोन मिलाकर उसने अभद्र भाषा में बात करता था। इसके अलावा शराब पीकर ड्यूटी पर आता था। मेडिकल परीक्षण में अल्कोहल की पुष्टि भी हो चुकी है।
इन सब बिंदुओं पर कमेटी ने रिपोर्ट तैयार कर एडिश्नल सीपी हेडक्वार्टर आनंद कुलकर्णी को सौंपी थी। एडिश्नल सीपी हेडक्वाटर्स ने नागेंद्र को अनिवार्य रूप से रिटायर करने के निर्देश दिए हैं। उनके मुताबिक दरोगा तत्काल प्रभाव से रिटायर माना जाएगा और उसके पास वेतन और फंड्स के सेटलमेंट के लिए तीन माह का समय होगा।
एडिश्नल सीपी हेडक्वाटर्स आनंद कुलकर्णी ने बताया कि यह पिछले साल का मामला है। उस समय यह एक मात्र दरोगा चिह्नित हुआ था। इसके अलावा एक सिपाही और दो फॉलोअर को जबरन रिटायर किया गया है। उनकी भी मिसकंडक्ट की ही ज्यादा शिकायतें थीं और 3-3 बार सभी की रोलबुक में बैड इंट्री दर्ज की गई थी। इस साल सूची पर पर काम चल रहा है। जो नाम कमेटी के सामने आए हैं उनकी स्क्रूटनी की जा रही है। उनमें जो सटीक केस होंगे उन्हें अनिवार्य तौर पर रिटायर कर दिया जाएगा।
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