नई दिल्ली। भारत की इकॉनमी न सिर्फ दुनिया के कई देशों से बेहतर हालत में है, बल्कि यह तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। यह बात वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में कहीं। वह संसद में महंगाई पर चर्चा के दौरान विपक्ष को जवाब दे रही थीं।
निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत में मंदी का कोई खतरा नहीं है। ब्लूमबर्ग के सर्वे के मुताबिक भारत में मंदी के शून्य चांसेज हैं। सिर्फ इतना ही नहीं, वित्तमंत्री ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि महंगाई पर चर्चा के दौरान केवल राजनीतिक बातें की गईं। उन्होंने कहा कि इस दौरान 30 सांसदों ने बढ़ते दामों पर बात की, लेकिन आंकड़े पेश करने के बजाए यह लोग केवल राजनीतिक मुद्दों पर ही बोलते रहे। वित्तमंत्री जब जवाब दे रही थीं, उसी दौरान कांग्रेस सांसदों ने सदन से वॉकआउट कर दिया।
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि हमने कभी भी इस तरह का महंगाई का सामना नहीं किया। इसके चलते हालात ऐसे बने कि हम सभी इस कोशिश में जुटे रहे कि विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में अधिक से अधिक लोगों को मदद मिले। उन्होंने कहा कि मैंने खुद देखा था कि सांसदों और राज्य सरकारों ने इसमें बड़ी भूमिका निभाई। वित्तमंत्री ने कहा कि अगर ऐसा नहीं होता तो भारत भी उसी हालत में होता, जिस हालत में दुनिया के कई अन्य देश हैं। उन्होंने कहा कि मैं इसका श्रेय देशवासियों को देना चाहूंगा। इतने विपरीत हालात के बावजूद आज हम तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था के रूप में पहचान बना रहे हैं।
वहीं कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कांग्रेस के वॉकआउट को सही ठहराया। उन्होंने कहा कि वित्तमंत्री का जवाब निराशाजनक था। सरकार रवैया ऐसा है, जैसे देश में महंगाई है ही नहीं। लोगों को कोई तकलीफ नहीं हो रही है। मनीष तिवारी ने कहा कि अगर देश की 140 करोड़ की आबादी की समस्याओं पर सवाल उठा रहे विपक्ष को लेकर आपका यह जवाब है तो हम आपको क्यों सुनें? वहीं शिरोमणि अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि महंगाई पर चर्चा के लिए सरकार ने 10 दिन और 150 करोड़ रुपए बर्बाद कर दिए। अब उनका जवाब भी निराश करने वाला है। सरकार को महंगाई नजर नहीं आ रही है, लेकिन नोटबंदी और कोविड लॉकडाउन के बाद लोग बहुत ज्यादा परेशान हैं।
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