नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स की प्रोफाइल पिक्चर बदल कर राष्ट्र ध्वज ‘तिरंगे’ की तस्वीर लगा दी है। उन्होंने देश के लोगों से भी तिरंगा महोत्सव मनाने के लिए एक आंदोलन के रूप में ऐसा ही करने की अपील की है।
रविवार 31 जुलाई को प्रसारित ‘मन की बात’ कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा था कि ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ एक जनांदोलन के रूप में तब्दील हो रहा है। इसके साथ ही उन्होंने जनता से अपील की थी कि 2 से 15 अगस्त के बीच अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स की प्रोफाइल पिक्चर के रूप में ‘तिरंगे’ की तस्वीर लगाएं।
पीएम मोदी ने अपने सोशल मीडिया खातों की प्रोफाइल पिक्चर बदलने के साथ ट्वीट किया, ‘आज 2 अगस्त विशेष दिन है! ऐसे समय में जब हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं, हमारा देश हर घर तिरंगा अभियान के लिए पूरी तरह तैयार है। तिरंगा महोत्सव एक सामूहिक आंदोलन है। मैंने अपने सोशल मीडिया पेजों पर डीपी बदल दी है और आप सभी से भी ऐसा ही करने का आग्रह करता हूं।’
तिरंगे की डिजाइन बनाने वाले पिंगली वेंकैया का किया याद
पीएम मोदी ने इस मौके पर पिंगली वेंकैया को भी श्रद्धांजलि दी, जिन्होंने राष्ट्र ध्वज की डिजाइन तैयारी की थी। आज यानी 2 अगस्त को वेंकैया की जयंती है। पीएम ने कहा, ‘हमें तिरंगा देने के उनके प्रयासों के लिए हमारा देश हमेशा उनका ऋणी रहेगा, जिस पर हमें बहुत गर्व है। तिरंगे से ताकत और प्रेरणा लेते हुए, हम राष्ट्र की प्रगति के लिए काम करते रहें।’
बता दें, देश की आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के मौके पर हर घर तिरंगा योजना की शुरुआत की गई है। हर नागरिक को अपने घर पर 13 अगस्त से 15 अगस्त तक तिरंगा लगाने की अपील की गई है।
आंध्र के थे पिंगली वेंकैया, गांधीजी के सुझाव पर जोड़ी सफेद पट्टी
पिंगली वेंकैया का जन्म दो अगस्त 1876 को आंध्र प्रदेश के मछलीपट्टनम भाटलापेनुमरु में हुआ था। वे ब्रिटिश फौज में सैनिक थे। उन्होंने राष्ट्रीय ध्वज के कई रूप बनाए थे। 1921 में विजयवाड़ा में महात्मा गांधी की अध्यक्षता में हुए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन में उनकी एक डिजाइन को मंजूरी दी गई थी। वैंकैया ने जो डिजाइन गांधीजी को बताई थी उसमें हरी और लाल दो धारियां और बीच में चरखा था। गांधीजी ने उन्हें एक सफेद पट्टी जोड़ने को कहा था।
पहली बार 1921 से कांग्रेस की सभी बैठकों में वेंकैया द्वारा तैयार झंडे को अनौपचारिक रूप से मंजूरी दी गई थी। इसके बाद 1931 में मौजूदा तिरंगे को औपचारिक रूप से मंजूर किया गया। यही तिरंगा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के अहिंसक आंदोलन और अब देश की शान बना हुआ है।
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