दिल्ली। राजधानी में नई आबकारी नीति में भ्रष्टाचार के आरोपों की सीबीआई जांच की सिफारिश के बाद अरविन्द केजरीवाल सरकार बैकफुट पर आ गई है। अब सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में शराब की बिक्री की पुरानी व्यवस्था पर लौटने का फैसला किया है। इसे लेकर अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि आबकारी विभाग का प्रभार संभाल रहे उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने गुरुवार को विभाग को ‘नई नीति के आने तक छह महीने के लिए आबकारी की पुरानी व्यवस्था पर ‘लौटने’ का निर्देश दिया। पुरानी आबकारी नीति 1 अगस्त से लागू होने जा रही है।दिल्ली सरकार ने नई आबकारी नीति पिछले साल लागू की थी। जिसे अब वापस लिया जा रहा है।6 महीने में फिर से नई आबकारी नीति लाई जाएगी
नई आबकारी नीति
- निगमों से शराब की बिक्री वापस लेकर पूर्णत: निजी हाथों में सौंप दी गई
- शराब पीने की उम्र 25 से घटाकर 21 वर्ष की गई
- दुकान को कम से कम 500 वर्ग मीटर, सीसीटीवी से लैस करने के निर्देश
- तीन दिन ही ड्राई डे यानी दुकानें साल में 3 दिन बंद करने की अनुमति थी
- पिंक बूथ खोलने की अनुमति दी गई थी ताकि महिलाएं शराब का सेवन कर सकें
- रेस्तरां व बार को शराब बिक्री केंद्र से ही शराब खरीदने की अनुमति
- शराब बिक्री केंद्र को एमआरपी पर छूट देने की अनुमति थी
- बार, क्लब्स और रेस्तरां को रात 3 बजे तक दुकान खोलने की छूट थी
बता दें उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने पिछले दिनों दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति पर सवाल खड़े करते हुए इसकी जांच की सिफ़ारिश CBI को सौंप दी थी। उपराज्यपाल के दफ़्तर से मिली जानकरी के मुताबिक़, एलजी सक्सेना ने मुख्य सचिव की एक रिपोर्ट के जवाब में ये सिफ़ारिश की है। दिल्ली के मुख्य सचिव ने 8 जुलाई, 2022 को यह रिपोर्ट LG को सौंपीं थी जिसमें कहा गया कि नई आबकारी नीति के तहत शराब लाइसेंसधारियों को पोस्ट टेंडर गलत लाभ पहुंचाने के लिए दिल्ली एक्साइज रूल्स 2010 का उल्लंघन किया गया।
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