नई दिल्ली। चुनावों में युवाओं की अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने के प्रयास के तहत निर्वाचन आयोग ने फैसला किया है कि मतदाता के तौर पर पंजीकरण कराने के लिए अब 17 साल से अधिक उम्र के युवा अग्रिम आवेदन कर सकते हैं। हालांकि इन युवाओं को वोट डालने का अधिकारी 18 वर्ष की उम्र पूरी होने पर ही मिलेगा।
कुछ समय पहले तक, किसी वर्ष एक जनवरी को या उससे पहले 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने वाले युवा मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज कराने के पात्र होते थे। एक जनवरी के बाद 18 साल के होने वालों को मतदाता के रूप में पंजीकरण के लिए पूरे एक साल तक इंतजार करना पड़ता था। चुनाव कानून में बदलाव के बाद, लोग एक जनवरी, एक अप्रैल, एक जुलाई और एक अक्टूबर को 18 साल की उम्र में मतदाता के रूप में पंजीकरण करा सकते हैं। अब युवाओं को सूची में अपना नाम दर्ज कराने के लिए पूर्व आवश्यक मानदंड का इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
दरअसल, मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडे के नेतृत्व में भारतीय निर्वाचन आयोग ने सभी राज्यों के सीईओ, ईआरओ और एईआरओ को इस बारे में निर्देश दिया है ताकि युवाओं को अपने अग्रिम आवेदन दाखिल करने में सुविधा हो। 17 साल से अधिक आयु के युवा अब मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज कराने के लिए अग्रिम रूप से आवेदन कर सकते हैं।
संशोधन के बाद अब मिलेंगे ज्यादा मौके
चुनाव आयोग ने कहा है कि जरूरी नहीं कि 18 साल की आयु प्राप्त करने के बाद ही इसके लिए आवेदन किया जाएगा। 17 साल पूरा होते ही युवा इसके लिए आवेदन कर सकते हैं। इसे सुविधाजनक बनाने के लिए चुनाव आयोग ने सभी राज्यों को निर्देश दिया है कि वे युवाओं को यह सुविधा प्रदान करें। आयोग ने कहा है कि अब युवा साल में तीन बार यानि 1 अप्रैल, 1 जुलाई और 1 अक्टूबर से अप्लाई कर सकते हैं। इसके लिए 1 जनवरी का इंतजार नहीं करना होगा।
मतदाता सूची के लिए कर सकते हैं आवेदन
असल में चुनाव आयोग की सिफारिशों पर कानून एवं न्याय मंत्रालय ने हाल ही में आरपी अधिनियम में संशोधन किया था, जिसमें चार योग्यता तिथियों को यानि 1 जनवरी, 1 अप्रैल, 1 जुलाई और 1 अक्टूबर युवाओं को मतदाता सूची में पंजीकरण के लिए पात्रता के रूप में प्रदान किया गया है। पहले केवल 1 जनवरी ही योग्यता की तारीख मानी जाती थी। आवेदन की प्रक्रिया वही रहेगी जो पहले थी।
वोटर लिस्ट को आधार से लिंक करने की मुहिम
उधर मतदाता सूची को आधार से लिंक करने के मामले पर चुनाव आयोग ने तैयारी शुरू कर दी है। 1 अगस्त से 31 दिसंबर तक अभियान चलाकर वोटर लिस्ट में शामिल हर नाम का आधार नंबर एकत्रित किया जाएगा। इसे आधार से लिंक किया जाएगा। अप्रैल 2023 तक यह प्रक्रिया पूरी करने का लक्ष्य रखा गया है। सभी मतदाताओं तक पहुंचकर उनका आधार नंबर लेने का प्रयास किया जाएगा।
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