दिल्ली। आयकर विभाग की 20 से अधिक टीमों ने बुधवार को दिल्ली-एनसीआर में मेट्रो समेत कई निजी अस्पतालों पर छापे मारे। देर रात तक जारी कार्रवाई में जरूरी कागजात, मोबाइल फोन और लैपटॉप कब्जे में लिए गए। अस्पताल मालिकों के आवास पर भी तलाशी ली गईहालांकि आयकर विभाग का कहना है कि यह रूटीन सर्वे है।
दिल्ली-एनसीआर में पिछले कुछ वर्षों से कई कॉरपोरेट अस्पताल खुले हैं। अधिकारियों के मुताबिक कोरोना से उबरने के बाद अस्पतालों ने इलाज काफी महंगा कर दिया। विदेश से आने वाले मरीजों से ज्यादा राशि वसूलते हैं, जबकि कागजों में यह रकम कम दिखाई जाती है। इससे करोड़ों के राजस्व का नुकसान हो रहा है।
कोरोना काल के बिल बने आधार, खंगाला रिकार्ड कोरोना काल में इन अस्पतालों में भर्ती मरीजों के बिल भी आधार बने हैं। जिससे साफ है कि इन अस्पतालों ने जमकर काला पैसा कमाया है। अब तक जांच में कैश ट्रांजेक्शन और अनएकाउंटेंड ट्रांजेक्शन की जानकारी भी मिली है। सर्वे टीम ने सभी अस्पतालों में कोरोना काल में बेची गई दवाओं का पूरा रिकार्ड खंगाला है। इसमें बड़ी टैक्स चोरी का मामला सामने आया है। कई दस्तावेज घरों में रखे गए हैं। सर्च काफी लंबी चल सकती है, क्योंकि टैक्स चोरी काफी बड़ी मानी जा रही है।
इन पर पड़े छापे
नोएडा और फरीदाबाद के मेट्रो अस्पताल, एसएसबी और एकॉर्ड, पलवल के सचिन अस्पताल, गुरुग्राम के पार्क अस्पताल सहित साउथ दिल्ली के कई बड़े अस्पतालों पर छापे मारे।
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