नई दिल्ली/कोलंबो। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे को उनके राष्ट्रपति बनने पर बधाई दी है। श्रीलंका में जारी भयानक आर्थिक संकट के बीच बीते सप्ताह ही रानिल विक्रमसिंघे ने शपथ ली है। पीएम मोदी ने पत्र भेज शुभकामनाएं दी है। साथ ही उन्होंने कहा कि, भारत श्रीलंका के साथ खड़ा है।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत स्थापित लोकतांत्रिक साधनों के माध्यम से स्थिरता और आर्थिक सुधार के लिए श्रीलंकाई लोगों का समर्थन करेगा। पीएम मोदी ने साथ ही कहा कि वह भारत और श्रीलंका के बीच सदियों पुराने, घनिष्ठ और मैत्रीपूर्ण संबंधों को मजबूत करने के लिए राष्ट्रपति विक्रमसिंघे के साथ मिलकर काम करने के लिए उत्सुक हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत लोकतांत्रिक साधनों के माध्यम से पड़ोसी मुल्क में स्थिरता और आर्थिक सुधार के लिए श्रीलंकाई लोगों के साथ खड़ा है। बता दें कि श्रीलंका में भारी विरोध प्रदर्शन के बीच बीते सप्ताह ही रानिल विक्रमसिंघे ने राष्ट्रपति पद की शपथ ली। इससे पहले पूर्व राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के देश छोड़ने के बाद लोगों ने पड़ोसी मुल्क में काफी हिंसक प्रदर्शन किया।
रानिल बने राष्ट्रपति
गोटबाया राजपक्षे के इस्तीफे के बाद रानिल विक्रमसिंघे को संसद में हुई वोटिंग के दौरान 134 मत मिले थे। इसके बाद दिनेश गुणेवर्दना को देश का प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया। अब देखना है कि, दोनों नेता मिलकर देश को पटरी पर लाने में कितना सफल होते हैं।
वहीं, दिनेश गुणेवर्दना को श्रीलंका का प्रधानमंत्री बनाया गया। वहीं, देश की जनता एक बार फिर से रानिल विक्रमसिंघ के खिलाफ प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। वह इसलिए क्योंकि उन्हें देश का राष्ट्रपति बनाया गया। प्रदर्शनकारी नहीं चाहते कि रानिल विक्रमसिंघे को देश की कमान मिले।
श्रीलंका में आर्थिक संकट
गौरतलब है कि श्रीलंका में आर्थिक संकट को लेकर वहां की जनता ने जोरदार विरोध किया। गोटाबाया राजपक्षे देश छोड़कर भाग गए और अपना इस्तीफा सिंगापुर से ही ईमेल कर दिया। इसके बाद रानिल विक्रमसिंघे को देश का राष्ट्रपति नियुक्त किया गया।
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