नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि 2021 से 2022 की अवधि में फर्जी खबरों और देश के लिए अहितकर सामग्री प्रकाशित करने के लिए 94 यूट्यूब आधारित समाचार चैनलों और 19 सोशल मीडिया खातों, वेबसाइटों एवं ऐप को ब्लॉक करने के निर्देश जारी किए हैं।
केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने लोकसभा में पशुपति नाथ सिंह और जनार्दन सिग्रीवाल के प्रश्नों के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 के तहत सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 के अनुसार प्रकाशकों के लिए आवश्यक है कि वे ऐसी सामग्री प्रकाशित नहीं करें जो गलत, भ्रामक, मिथ्या और अर्द्धसत्य हो। उन्होंने ये भी बताया कि नवंबर 2019 में मंत्रालय ने पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) में एक तथ्यान्वेषी इकाई (एफयूसी) भी स्थापित की जिसने फर्जी समाचारों का भंडाफोड़ किया है।
उन्होंने आगे कहा कि सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने 2021 से 2022 की अवधि के दौरान सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 69क के अनुसार फर्जी समाचारों तथा भारत की संप्रभुता, अखंडता, रक्षा, सुरक्षा और दूसरे देशों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों आदि के हित में नहीं पाई जाने वाली सामग्री प्रकाशित करने के लिए 94 यूट्यूब आधारित समाचार चैनलों और 19 सोशल मीडिया खातों, वेबसाइटों एवं ऐप को ब्लॉक करने के निर्देश जारी किए हैं।
747 यूआरएल को ब्लॉक करने के लिए जारी किए निर्देश
मंत्री ने उत्तर में बताया कि इसी तरह इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने भी सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 की धारा 69क के तहत सामग्री के संबंध में 2021 से 2022 तक सोशल मीडिया मध्यस्थों संबंधी 747 यूआरएल को ब्लॉक करने के निर्देश जारी किए हैं।
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