सीएम योगी के न‍िर्देश, बोले- ह‍िन्‍दी में बनवाएं प्राविधिक और चिकित्सा शिक्षा के पाठ्यक्रम, खेलकूद को दें बढ़ावा

लखनऊ। योगी आद‍ित्‍यनाथ सरकार अपने दूसरे कार्यकाल में शिक्षा को रोजगारपरक बनाने पर लगातार जोर दे रही है। सरकार इससे जुड़े हुए कुछ महत्वपूर्ण बदलाव जल्द ही कर सकती है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया है कि प्राविधिक और चिकित्सा शिक्षा से जुड़े पाठ्यक्रम मातृभाषा यानी ह‍िन्‍दी में तैयार कराए जाएं। आंगनबाड़ी केंद्रों के कायाकल्प, हर विधानसभा क्षेत्र में खेलकूद की गतिविधियों को बढ़ावा देने सहित कई निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री ने लोकभवन में मंत्रियों और शासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक में कहा कि प्राविधिक और चिकित्सा शिक्षा से जुड़े पाठ्यक्रम मातृभाषा में तैयार कराए जाएं। कंटेट गुणवत्तापरक हो। इसी प्रकार फिजियोथैरेपी और योग को परस्पर जोड़ा जाए। वहीं, प्राकृतिक खेती की महत्वाकांक्षी योजना से कृषि विश्वविद्यालयों को जोड़ा जाए। सभी कृषि विश्वविद्यालयों को ड्रोन उपलब्ध कराएं।

प्रदेश को जलवायु के आधार पर जोन में विभाजित करें। क्षेत्रीय आवश्यकताओं के अनुसार कृषि योजना तैयार करने में विश्वविद्यालयों का सहयोग लिया जाए। बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों के लिए चलाए गए आपरेशन कायाकल्प को सफल बताते हुए उन्होंने कहा कि अब हमें आंगनबाड़ी केंद्रों का कायाकल्प करना होगा। हमारा प्रयास हो कि सभी आंगनबाड़ी केंद्रों के अपने भवन हों। इस काम में जनसहयोग लिया जाना चाहिए।

जनप्रतिनिधि, अधिकारी, सामाजिक संस्थाओं को आंगनबाड़ी केंद्रों को गोद लेना चाहिए। समाज के संपन्न लोगों को प्रेरित किया जाए कि वह अपने जन्मदिन, विवाह की वर्षगांठ आदि विशेष अवसरों पर आंगनबाड़ी केंद्र जाएं। भाजपा सरकार खेल गतिविधियों को भी प्रोत्साहित कर रही है। इसी दिशा में प्रयास बढ़ाते हुए योगी ने कहा है कि सांसद खेलकूद प्रतियोगिता की तर्ज पर हर विधानसभा क्षेत्र में विधायक खेलकूद कार्यक्रम आयोजित हों। इसकी बेहतर कार्ययोजना तैयार कराएं।

यह कार्यक्रम न्याय पंचायत, विकासखंड या जिला स्तर पर हों। पुरुषों व महिलाओं के लिए अलग प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएं। सभी ग्राम पंचायतों में खेल मैदान के विकास का कार्य तेजी से पूरा कराया जाए। ग्राम्य विकास व पंचायती राज तथा खेल एवं युवा कल्याण विभाग प्रगति विवरण प्रस्तुत करें। यदि किसी खेल विशेष के लिए मैदान बनाया जा रहा है तो उसके निर्धारित मानकों के अनुरूप ही बनाएं।

समय सीमा में एनओसी नहीं तो डीम्ड क्लीयरेंस: पत्रावलियां लंबित न रहें, यह निर्देश मुख्यमंत्री कई बार दे चुके हैं। अब उन्होंने कहा है कि विकास परियोजनाओं की समयबद्धता के लिए नियमानुसार विभागीय अनापत्तियां जारी करने में अनावश्यक देरी न हो। इस संबंध में स‍िंगल व‍िंडो सिस्टम को लागू किया जाना चाहिए। ऐसी व्यवस्था बनाएं कि यदि समय सीमा के भीतर अनापत्ति न जारी हो तो उसे डीम्ड क्लीयरेंस मान लिया जाए।

मुख्‍यमंत्री योगी आद‍ित्‍यनाथ ने यह भी निर्देश द‍िए

राजभवन में प्रस्तुतीकरण आज: योगी सरकार के मंत्रियों ने पिछले दिनों मुख्यमंत्री के सामने सौ दिन के कार्यक्रमों-उपलब्धियों का प्रस्तुतीकरण किया। सूत्रों ने बताया कि वह प्रस्तुतीकरण बुधवार को राजभवन में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के समक्ष किया जाएगा।

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