नई दिल्ली। राज्यसभा के उपसभापति ने हंगामा और शोर-शराबा कर सदन के काम में बाधा डालने के चलते विपक्ष के 19 सांसदों को सस्पेंड कर दिया है।
महंगाई एवं कुछ आवश्यक पदार्थों पर माल और सेवा कर (जीएसटी) लगाए जाने सहित विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे की वजह से मंगलवार को राज्यसभा की कार्यवाही बार-बार बाधित हुई। हंगामे के कारण विपक्ष के 19 सदस्यों को वर्तमान सप्ताह के शेष समय के लिए सदन से निलंबित कर दिया गया। जिन सांसदों को सस्पेंड किया गया है उनमें टीएमसी सांसद सुष्मिता देव, डॉ. शान्तनु सेन और डोला सेन शामिल हैं। इनके आलावा शांता छेत्री, मोहम्मद अब्दुल्ला, एए रहीम, एल यादव, वीवी शिवादासन, अबीर रंजन विश्वास, नदीमुल हक को भी सस्पेंड किया गया है। सस्पेंड किए गए अन्य सांसद आर वद्दीराजू, एस कल्याणासुंदरम, आर गिररंजन, एनआर इलांगो, एम शणमुगम, दामोदर राव दिवाकोंडा और पी संदोष कुमार हैं।
इससे पहले राज्यसभा में विपक्ष द्वारा हंगामा किया गया जिस पर उपसभापति ने सख्ती दिखाते हुए कहा कि मैं सदन के वेल में खड़े होकर नारे लगाने और ताली बजाने वाले सदस्यों से कहना चाहता हूं कि यह नियमों के खिलाफ है।
कल लोकसभा से 4 सांसदों को किया गया था सस्पेंड
वहीं कल लोकसभा में भी हंगामा किया गया था। महंगाई के विरोध में नारेबाजी के बाद कांग्रेस के 4 सांसदों को लोकसभा के शेष सत्र से सस्पेंड कर दिया गया था। कांग्रेस सांसदों ने हाथ में तख्तियां लेकर सदन में नारेबाजी की थी। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सांसदों को चेतावनी दी थी कि सदन में तख्तियां लाने वाले किसी भी सांसद को कार्यवाही में भाग लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसके बाद कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर, ज्योतिमणि, राम्या हरिदास और टीएन प्रतापन को सस्पेंड किया गया था।
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