गाजियाबाद। अमर बलिदानी क्रांतिकारी चन्द्रशेखर आजाद जी के 116वें जन्म दिवस पर विराट कवि सम्मेलन एवं विशेष सम्मान समारोह का आयोजन गोला सिजलर होटल, आरडीसी, राजनगर में किया गया। जिसमें 12 कवि कवयित्रियों को विशेष रुप से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का आयोजन वरिष्ठ समाजसेविका एवं साहित्यकारा सुनीता छाबड़ा द्वारा किया गया। जबकि राष्ट्रीय कवि वैभव शर्मा ने कार्यक्रम का संयोजन किया गया।
कार्यक्रम का प्रारंभ चन्द्रशेखर आजाद जी के चित्र पर पुष्प अर्पित करने के साथ हुआ। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित हुए राज्य मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार बलदेव राज शर्मा ने कहा की चन्द्रशेखर आजाद का संपूर्ण जीवन राष्ट्र को समर्पित था। आज हर बच्चे को चन्द्रशेखर आजाद बनने की आवश्यकता है। प्रत्येक व्यक्ति के लिए राष्ट्र सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिये। राष्ट्र के लिए जीना और मरना दोनों ही गौरव का विषय है। जीवन उसी व्यक्ति का धन्य है जिसका जीवन राष्ट्र और समाज के निमित्त होता है।
अति विशिष्ट अतिथि के रूप में पधारे साहित्यकार एवं पत्रकार के के मिश्र ने कहा की चन्द्रशेखर आजाद का जन्मदिवस इतनी भव्यता के साथ उत्सव की भाँति मनाना वास्तव में एक सराहनीय कार्य है। चन्द्रशेखर आजाद संपूर्ण राष्ट्र की धरोहर हैं। राष्ट्र की स्वतंत्रता मे उनका योगदान अतुलनीय है। गीतकार संतोष आनंद के भतीजे एवं वरिष्ठ पत्रकार यथार्थ शर्मा ने कहा की इस प्रकार के आयोजन न केवल जनजागृति लाने का कार्य करेंगे अपितु नवागत पीढ़ी का राष्ट्र नायकों से परिचय कराने का कार्य भी करेंगे।
कार्यक्रम में के डी बिंदास, प्रेम शर्मा प्रेम ,अजय मिश्र दबंग, कुलदीप बरतरिया, पूजा अरोड़ा, मोनू मधुकर त्यागी, पूनम माहेश्वरी, संकल्प जैन, पुनीत पांचाल ने उत्कृष्ट काव्य पाठ के द्वारा श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। साथ ही अहर्निश हिन्दी सेवा के लिए इन सभी को विशेष सम्मान से सम्मानित भी किया गया। कार्यक्रम का संचालन पूनम माहेश्वरी ने किया। कार्यक्रम की आयोजक सुनीता छाबड़ा एवं संयोजक राष्ट्रीय कवि वैभव शर्मा ने सभी अतिथियों एवं कवियों का आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम में रामकुमार उपाध्याय, रामजी सिंह, इन्द्रपाल गुप्ता, सार्थक छाबड़ा, चेतना शर्मा, उषा शर्मा, मधु, राकेश मल्होत्रा, राघव मिश्रा, प्रह्लाद शर्मा, गौरव मल्होत्रा, दिनेश ढींगरा, गोपाल कृष्ण ढींगरा, अनिल माहेश्वरी, नक्षत्र माहेश्वरी आदि उपस्थित रहे।
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