विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में नीरज ने जीता सिल्वर मेडल

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नई दिल्ली। टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने वाले नीरज चोपड़ा ने एक बार फिर इतिहास रच दिया है। विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में उन्होंने सिल्वर मेडल अपने नाम किया है।

अमेरिका के यूजीन में हुए चैंपियनशिप के फाइनल में नीरज ने 88.13 मीटर दूर भाला फेंकते हुए रजत पदक जीता। इस प्रतियोगिता में सिल्वर मेडल जीतने वाले वह पहले भारतीय हैं। इसके अलावा इस प्रतियोगिता में कोई भी पदक जीतने वाले पहले भारतीय पुरुष हैं। वर्ल्ड एथेलेटिक्स चैंपियनशिप में 19 साल बाद भारत ने मेडल जीता है। नीरज से पहले 2003 में अंजु बेबी जॉर्ज ने लॉन्ग जंप में कांस्य पदक जीता था। 90 मीटर से अधिक दूरी का थ्रो फेंककर एंडरसन पीटर्स ने गोल्ड मेडल जीता जबकि जैकुब वडलेच्ज ने कांस्य पदक अपने नाम किया।

सिल्वर मेडल जीतने के बाद नीरज चोपड़ा ने कहा कि स्थितियां अच्छी नहीं थीं और हवा की गति बहुत अधिक थी, मुझे विश्वास था कि मैं अच्छा प्रदर्शन करूंगा। मैं परिणाम से संतुष्ट हूं, मुझे खुशी है कि मैं अपने देश के लिए पदक जीता है। उन्होंने कहा कि प्रतियोगिता कठिन थी, प्रतियोगी अच्छे औसत पर फेंक रहे थे, यह चुनौतीपूर्ण हो गया। मैंने आज बहुत कुछ सीखा। सोने की भूख बनी रहेगी। लेकिन मेरा मानना ​​है कि हमें हर बार सोना नहीं मिल सकता। मैं वह करूंगा जो मैं कर सकता हूं, अपने प्रशिक्षण पर ध्यान केंद्रित करूंगा।

गोल्ड की कोशिश जारी रहेगी
नीरज चोपड़ा ने कहा कि यह आसान लग सकता है लेकिन एंडरसन ने 90 मीटर को पार करने के लिए बहुत बड़ा प्रयास किया होगा। वह इस साल विश्व में बढ़त है, बहुत अच्छे थ्रो फेंक रहे हैं, कई 90 मीटर से ऊपर। मुझे खुशी है कि उन्होंने इतनी मेहनत की है। यह मेरे लिए भी अच्छा है, मेरे पास अच्छी प्रतिस्पर्धा है। उन्होंने कहा कि मैं इस तथ्य से दबाव महसूस नहीं करता था कि मैं एक ओलंपिक चैंपियन हूं। तीसरे थ्रो के बाद भी मुझे खुद पर विश्वास था। मैंने वापसी की और रजत जीता, अच्छा लगा। अगली बार गोल्ड मेडल जीतने की कोशिश करूंगा।

कहां हुई नीरज से चूक
निर्णायक मुकाबले में नीरज चोपड़ा की शुरुआत अच्छी नहीं रही। उन्होंने पहला थ्रो फाउल किया, दूसरे प्रयास में उन्होंने 82.39 मीटर लंबी दूरी का थ्रो फेंककर चौथे पायदान पर जगह बनाई। तीसरे प्रयास में नीरज ने 86.37 मीटर का थ्रो फेंक कर चौथे पायदान पर अपनी जगह को बनाए रखा। लेकिन चौथे प्रयास में नीरज ने 88.13 मीटर का थ्रो फेंककर तीसरे पायदान पर पहुंच गए थे। 5वें प्रयास में नीरज चोपड़ा ने फाउल थ्रो फेंका जिसके चलते वह 5वें पायदान पर खिसक गए, लेकिन बावजूद इसके वह रजत पदक जीतने में सफल रहे।

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