कोलकाता। पश्चिम बंगाल के गिरफ्तार मंत्री पार्थ चटर्जी को कोलकाता के सरकारी एसएसकेएम अस्पताल में शिफ्ट करने को लेकर प्रवर्तन निदेशालय की याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान जांच एजेंसी ने कहा कि चटर्जी अस्पताल में डॉन की तरह व्यवहार कर रहे। ईडी ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति विवेक चौधरी की एकल न्यायाधीश पीठ को बताया कि चटर्जी कानून से बचने के लिए बीमारी का नाटक कर रहे थे।
जांच एजेंसी की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि निचली अदालत द्वारा पारित उनके अस्पताल में भर्ती होने के आदेश को खारिज कर दिया गया है। सुनवाई के बिना ही आदेश पारित किया गया है। अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने अदालत से कहा कि कृपया ग्रॉस फैक्ट्स को भी देखें। यह उच्चतम स्तर पर भ्रष्टाचार का मामला है। योग्य उम्मीदवारों के जीवन का बलिदान दिया गया है। एक शीर्ष रैंकिंग मंत्री इसका हिस्सा है। हमें पैसे के निशान का पता लगाने के लिए उससे पूछताछ करने की आवश्यकता है। हम उससे पहले 15 दिनों के भीतर ही पूछताछ कर सकते हैं लेकिन वह बहुत प्रभावशाली है।
एक दिन की हिरासत में
वह बीमारी का बहाना कर रहा है। खुद को अस्पताल भेजा है, जहां वह डॉन की तरह व्यवहार कर रहा है। पश्चिम बंगाल के कैबिनेट मंत्री और पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी की करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी को एक दिन की ईडी हिरासत में भेज दिया गया है। उसे कल विशेष अदालत में पेश किया जाएगा। वहीं, इस मामले में पश्चिम बंगाल के कैबिनेट मंत्री और पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी की करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी को कोलकाता के बैंकशाल कोर्ट में पेश किया गया। लेकिन आदेश सुरक्षित रख लिया गया।
टीएमसी के नेता पार्थ चटर्जी को प्रवर्तन निदेशालय ने शनिवार 23 जुलाई को पश्चिम बंगाल में कथित स्कूल नौकरी घोटाले की जांच के सिलसिले में गिरफ्तार किया था। पूर्व शिक्षा मंत्री की करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी के कोलकाता स्थित घर से 21 करोड़ रुपये नकद बरामद होने के बाद पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी हुई। एजेंसी ने शनिवार को अर्पिता मुखर्जी को भी गिरफ्तार किया था।