दिल्ली। केरल के बाद दिल्ली में रविवार को मंकीपॉक्स का केस सामने आया है। दिल्ली में मंकीपॉक्स से संक्रमित पाए गए पहले व्यक्ति की हालत स्थिर है। उसे दर्दनाक घाव हुए थे। निगरानी टीम व्यक्ति के संपर्क में आए अन्य लोगों का पता लगाने में जुटी है। भारत में मंकीपॉक्स का पहला मरीज केरल के कोल्लम में 12 जुलाई को मिला था।
कोविड-19 के बीच भारत में मंकीपॉक्स वायरस के चार मामले आ चुके हैं। केरल से तीन और दिल्ली से एक केस मिला है। सबसे ताजा केस वेस्ट दिल्ली से आया है जहां 31 वर्षीय व्यक्ति में वायरस की पुष्टि हुई। मरीज मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज में भर्ती है। उसको बुखार और त्वचा पर घाव होने के बाद अस्पताल में भर्ती किया गया और उसकी कोई ट्रेवल हिस्ट्री नहीं है।
लोकनायक अस्पताल में अलग वार्ड दिल्ली सरकार के सबसे बड़े अस्पताल लोकनायक में मंकीपॉक्स के संभावित खतरे से निपटने के लिए छह बेड का वार्ड तैयार कर लिया गया है। साथ ही मंकीपॉक्स का कोई संदिग्ध मामला सामने आने की स्थिति में मरीज की देखभाल से संबंधित प्रशिक्षण भी डॉक्टर और अन्य चिकित्साकर्मियों को दिया गया है। अस्पताल प्रशासन के अनुसार, 16 जुलाई को सरकार ने लोकनायक अस्पताल को मंकीपॉक्स के लिए नोडल सेंटर घोषित किया था। उसके बाद से ही अस्पताल में विशेष वार्ड बनाने और डॉक्टरों के प्रशिक्षण की तैयारी शुरू कर दी गई थी। अब वार्ड बनकर तैयार हो गया है। वार्ड में सभी जरूरी इंतजाम किए गए हैं।
मंकीपॉक्स अब ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मंकीपॉक्स पर शनिवार को ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दी। डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस अधनोम घेब्रेसियस ने कहा कि 70 से ज्यादा देशों में इस वायरल इन्फेक्शन का प्रसार बेहद असाधारण स्थिति है। डब्ल्यूएचओ की बैठक में इस बीमारी को इमरजेंसी घोषित करने पर आम सहमति नहीं थी। यह पहली बार है जब बिना आम सहमति के किसी बीमारी को इमरजेंसी करार दिया गया है। टेड्रोस से कहा कि यह ऐसी बीमारी है जो दुनिया में नए-नए तरीकों से फैल रही है, जिसके बारे में हम बहुत कम जानते हैं। इन कारणों के चलते, मैंने तय किया है कि मंकीपॉक्स पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी है।
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