गाजियाबाद। मोदीनगर में बिजली के तार की चपेट में आकर खेत में काम करने गए किसान की मौत हो गई, जबकि उसका बेटा घायल हो गया। इससे गुस्साए लोगों ने मोदीनगर हापुड़ मार्ग पर किसान का शव रखकर जमकर हंगामा किया। काफी समझाने के बाद पुलिस ने शव को सड़क से उठाकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया। पुलिस रिपोर्ट दर्ज कर जांच में जुट गई।
गांव गदाना निवासी सहन्सरपाल सिंह अपनी पत्नी शांति देवी और पुत्र शोभिन्द्र, समीर के साथ रहते थे। उन्होंने खेती करने के लिए गांव के तरुण नाम किसान की कृषि भूमि ठेके पर ले रखी थी। उक्त कृषि भूमि के ऊपर से बिजली की लाइन गुजर रही है। उन्होंने खेत में ईख बो रखी है। शनिवार सुबह साढ़े नौ बजे के आसपास सहन्सरपाल सिंह अपने पुत्र समीर के साथ खाद लगाने के लिए गए थे। बताया जा रहा है कि सबसे पहले खेत में सहन्सरपाल सिंह जैसे ही घुसे तो वह अचानक नीचे गिर गए। जब समीर ने उन्हें हाथ लगाया तो ,उसे करंट लगा और वह काफी दूर जा गिरा। चीख पुकार सुन मौके पर पहुंचे ग्रामीणों ने किसी तरह पिता पुत्र को खेत से बाहर निकाला। मौके पर बुलाए गए डॉक्टर ने सहन्सर पाल सिंह को मृत घोषित कर दिया। जबकि समीर की हालात स्थिर बनी हुई है।
आसपास के खेतों में काम कर रहे लोगों की मदद से सहन्सरपाल को अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। कुछ देर बाद पुलिस भी मृतक किसान सहन्सरपाल के घर पहुंच गई। वहां पहले से ही बड़ी संख्या में गांव के लोग इकट्ठा थे। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि जंगल में जा रही बिजली की लाइन काफी समय से जर्जर हालात में पहुंच गई। लाइन बदलवाने की मांग को लेकर कई बार उपजिलाधिकारी व बिजली विभाग को ज्ञापन दे चुके हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि बिजली का तार टूटने की सूचना विभाग को सुबह करीब छह बजे ही दे दी गई थी फिर वह नहीं आए। तीन घंटे तक बाद हादसा हो गया। यदि समय रहते तार जोड़ दिया जाता तो हादसा नहीं होता।
ग्रामीण बिजली विभाग के अधिशासी अभियंता व उपजिलाधिकारी को बुलाने की मांग पर अड़े हुए थे। लेकिन बिजली विभाग के अधिकारी जब गांव गदाना नहीं पहुंचे तो ग्रामीणों ने दोपहर एक बजे के आसपास ग्रामीणों ने किसान सहन्सरपाल सिंह का शव सड़क पर रखकर मोदीनगर हापुड़ मार्ग पर जाम लगा दिया। सीओ व थानाप्रभारी ने ग्रामीणों को काफी समझाने का प्रयास किया लेकिन वह नहीं माने। इसके बाद बिजली विभाग के अधिशासी अभियंता अमित सक्सेना मौके पर पहुंचे और मृतक के परिजनों को पांच लाख रुपये का चैक देने की बात कही। इसके बाद ग्रामीणों शांत हुए और जाम खोल दिया। करीब आधे घंटे तक जाम लगा रहा।
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