नई दिल्ली। राष्ट्रपति चुनाव में भारी क्रॉस-वोटिंग से द्रौपदी मुर्मू को बड़ी जीत मिली। विपक्षी दलों के विधायक और सांसदों ने द्रौपदी मुर्मू के समर्थन में मतदान किया। इससे विपक्षी एकता में कमी साफ नजर आई और मोदी सरकार के खिलाफ बड़े विपक्षी मोर्चे की संभावना को झटका लगा है।
भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के उम्मीदवार के शुरू से ही जीतने की उम्मीद थी। द्रौपदी मुर्मू को सभी वोटों का लगभग 70 प्रतिशत मत मिला। जिसने विपक्षी दलों और यहां तक कि यूपीए खेमे के अंदर भी दरार को उजागर कर दिया है।लगभग आधा दर्जन गैर-एनडीए दलों के अलावा, 17 सांसदों और करीब 102 विधायकों ने द्रौपदी मुर्मू के लिए क्रॉस-वोट किया और कांग्रेस नेतृत्व वाले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन के साथ जाने से इनकार कर दिया।
इस चुनाव में द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में बड़े पैमाने पर क्रॉस वोटिंग हुई। केरल में एनडीए का एक भी वोट नहीं था लेकिन वहां भी एक विधायक ने मुर्मू को वोट दे दिया। इस तरह मुर्मू को हर राज्य से वोट मिला जबकि यशवंत सिन्हा को आंध्र प्रदेश, नागालैंड और सिक्किम से कोई वोट नहीं मिला। यशवंत सिन्हा को अपने गृह राज्य झारखंड में 81 में से केवल 9 विधायकों के वोट मिले, जबकि द्रौपदी मुर्मू को अपने गृह राज्य ओडिशा में 147 में से 137 विधायकों के वोट हासिल हुए।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल करने पर मुर्मू को बधाई दी और कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव में पूर्वी भारत के सुदूर हिस्से से ताल्लुक रखने वाली एक आदिवासी समुदाय में जन्मी नेता को राष्ट्रपति निर्वाचित कर भारत ने इतिहास रच दिया है।केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने राष्ट्रपति चुनाव में मुर्मू की “प्रभावशाली” जीत पर उन्हें बधाई दी और कहा कि उनकी विजय भारतीय लोकतंत्र की मजबूती का संकेत है।
फिलहाल आज नव निर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से एनडीए के सभी मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष मुलाक़ात करने दिल्ली आएंगे। इसके अलावा जिन राज्यों में बीजेपी विपक्ष में हैं, वहां के विपक्ष के नेता और विधायक मुर्मू से मुलाक़ात करने और उन्हें बधाई देने दिल्ली उनके आवास पर पहुंचेंगे। बीजेपी के सभी प्रदेश अध्यक्ष भी दिल्ली आ रहे हैं ताकि नव निर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को बधाई दे सके।
Discussion about this post