दिल्ली। साइबर जालसाज अब सिमकार्ड केवाईसी नहीं होने पर ब्लॉक करने व्हाट्सऐप मैसेज भेज कर लोगों को झांसे में ले रहे हैं। इस बारे में सर्विस प्रोवाडर की तरफ से यूजर को एडवाइजरी भी जारी की जा रही है। जबकि सर्विस प्रोवाइडर एनटीएनएल के नाम से भेजे गए ऐसे मैसेज की जानकारी मिलते ही दिल्ली पुलिस ने अपने ट्विटर हैंडल से इसके बारे में लोगों को बताया है।
पुलिस ने ट्वीट कर यूजर को यह बताया कि एमटीएनएल वॉट्सएप पर केवाईसी वेरिफिकेशन नहीं करता है और लोगों को सलाह दी कि व्हॉटसएप पर आने वाले ऐसे फर्जी संदेशों का जवाब नहीं दें। पुलिस ने कहा कि अगर आपको ऐसा संदेश मिलता है कि प्रिय ग्राहक, आपका एमटीएनएल सिम कार्ड, आधार, ई-केवाईसी को निलंबित कर दिया गया है। आपका सिम कार्ड 24 घंटे में ब्लॉक कर दिया जाएगा तो आाप सतर्क हो जाएं। यह फर्जी संदेश है। हालांकि ऐसे संदेश दूसरे सर्विस प्रोवाइडर के नाम से भी आने की सूचना मिल रही है। इसके मद्देनजर विभिन्न सर्विस प्रोवाइडर ने इस भी इस बारे में अपने यूजर को एडवाइजरी मैसेज भेजना शरू किया है।
साथ ही यह साफ किया कि इस तरह से केवाईसी अपडेट के लिए एमटीएनएल की तरफ से कोई भी व्हाट्सऐप संदेश नहीं भेजा जाता है। यह साइबर जालसाजों की तरफ से लोगों को झांसे में लेने के लिए भेजा रहा है। कृपया ऐसे व्हाट्सऐप मैसेज से सावधान रहिए।
दिल्ली पुलिस ने लोगों से ऐसा संदेश मिलने पर निजी जानकारी शेयर नहीं करने की अपील की और यह भी कहा कि वह वेरिफिकेशन लिंक पर क्लिक न करें। बदमाश मोबाइल ग्राहकों को वॉट्सएप पर केवाईसी अपडेट कराने के लिए संदेश भेजते हैं और इस बहाने से गुप्त सूचना प्राप्त करते हैं।
1930 पर या नजदीकी साइबर थाने करें सूचित
पुलिस ने अपने ट्वीट में यह भी कहा कि किसी भी व्यक्ति को ऐसी कोई भी ऐप डाउनलोड नहीं करनी चाहिए जो संदेहास्पद हो। पुलिस ने कहा कि अगर इस तरह का कोई साइबर अपराध होता है तो पीड़ित को 1930 पर या नजदीकी साइबर थाने में जाकर इसकी सूचना देनी चाहिए।
ऐसे 5 लिंक होते हैं फर्जी
1– केवाईसी उपग्रेड के मैसेज के साथ रजिस्ट्रेशन के लिए आने वाले लिंक से।
2- बैंक के फ़र्ज़ी एप को डाउनलोड करने के नाम पर आए लिंक से।
3–फर्जी शॉपिंग साइट्स पर लुभावने ऑफर वाले लिंक से।
कैसे रहें सुरक्षित
1—लिंक, डोमेन नाम या ईमेल एड्रेस में स्पेलिंग की गलतियों पर जरूर ध्यान दें। सायबर क्रिमिनल आम तौर पर उस तरह का ईमेल यूज करते हैं जो नामी कंपनियों का हो, बस वे मामूली सा हेर-फेर कर देते हैं, जिससे कि वह वास्तविक लगे।
2—किसी भी ऐसे लिंक पर क्लिक करने से पहले बार-बार सोचें, जिसे देखकर इसमें आपको कुछ भी संदिग्ध लगे। उस पर बिल्कुल भी क्लिक ना करें। साथ ही आप साइबर सेल को भी जरूर सूचित करें।
3— अपनी जानकारी संभालकर रखें। अगर कंप्यूटर/स्मार्टफोन में इस तरह की जानकारी है तो उसे पासवर्ड या पैटर्न से सुरक्षित करें और पासवर्ड लिखकर रखने की आदत ना डालें। सिस्टम को शट डाउन करने या किसी साईट पर हैं तो उसे लॉगआउट करने के बाद ही उससे बाहर निकले।
क्या कहते हैं साबर अपराध की शिकायतों के आंकड़े
वर्ष-2021, 31 दिसम्बर तक
कुल शिकायतें—38,110
वर्ष-2020, 31 दिसम्बर तक
कुल शिकायतें—37,280
वर्ष-2019, 31 दिसम्बर तक
कुल शिकायतें—-23,300
वर्ष-2018, 31 दिसम्बर तक
कुल शिकायतें—-13,200
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