मुंबई। शिवसेना में बड़ी बगावत के बीच शरद पवार ने एनसीपी की सभी ईकाइयों और प्रकोष्ठों को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया है। एनसीपी के राष्ट्रीय महासचिव प्रफुल्ल पटेल ने यह जानकारी दी है।
उन्होंने बुधवार रात ट्वीट किया, ‘राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार जी की मंजूरी से एनसीपी के सभी प्रकोष्ठों और विभागों को तत्काल प्रभाव से भंग किया जाता है।’ एनसीपी ने जिन विभागों को भंग किया है, उनमें राष्ट्रवादी महिला कांग्रेस, राष्ट्रवादी यूथ कांग्रेस और राष्ट्रवादी छात्र कांग्रेस शामिल नहीं हैं। एनसीपी की ओर से प्रकोष्ठों और विभागों को भंग करने के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है।
एनसीपी ने यह कदम ऐसे वक्त में उठाया है, जब तीन सप्ताह पहले ही महा विकास अघाड़ी सरकार महाराष्ट्र की सत्ता से बेदखल हुई है। इस सरकार में एनसीपी सबसे बड़ी साझेदार के तौर पर शामिल थी। हालांकि सीएम पद पर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को बिठाया गया था। ऐसे में एनसीपी की इस आंतरिक कार्रवाई को शिवसेना में मचे बवाल से भी जोड़कर देखा जा रहा है। कहा जा रहा है कि शरद पवार एनसीपी में नए लोगों को मौके देने की तैयारी में हैं। इसी वजह से प्रकोष्ठों और ईकाइयों को भंग कर दिया गया है। इनके बारे में जल्दी ही अगला फैसला लिया जाएगा।
बता दें कि मराठा छत्रप शरद पवार ही महा विकास अघाड़ी सरकार के सूत्रधार थे। माना जाता है कि उन्हीं की सलाह पर शिवसेना और कांग्रेस एक मंच पर आते हुए महा विकास अघाड़ी सरकार का हिस्सा बनने के लिए तैयार हुए थे। भाजपा से अलग होकर शिवसेना का एनसीपी और कांग्रेस संग सरकार बनाना महाराष्ट्र की सियासत में एक बड़ी घटना थी। दरअसल बालासाहेब ठाकरे के दौर से ही शिवसेना कांग्रेस और एनसीपी के खिलाफ बेहद मुखर रही थी। वहीं भाजपा को स्वाभाविक साझेदार मानती रही थी। ऐसे में भाजपा को छोड़कर इन दलों के साथ सरकार बनाने के फैसले ने लोगों को चौंकाया था।
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