मुंबई। मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त संजय पांडे नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के कर्मचारियों की कथित फोन टैपिंग से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में पूछताछ के लिए मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पेश हुए। सुबह से शाम तक चली पूछताछ के बाद ईडी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
अधिकारियों ने बताया कि सोमवार की तरह ही अधिकारी से नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) की सुरक्षा ऑडिट के लिए उनके द्वारा शुरू की गई एक कंपनी के व्यापार एवं संचालन से जुड़े सवाल किए गए। उनका बयान धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दर्ज किया गया। गौरतलब है कि पांडे 30 जून को रिटायर हो गए थे। मुंबई के पुलिस आयुक्त के रूप में अपने चार महीने के कार्यकाल से पहले, उन्होंने महाराष्ट्र के कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक के रूप में भी सेवाएं दीं।
बताया गया है कि ईडी ने उन्हें सात घंटे से अधिक समय की पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया। इससे पहले पिछले हफ्ते ही एजेंसी ने इस मामले में एनएसई की पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) चित्रा रामकृष्ण को गिरफ्तार किया था।
पांडे ईडी और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो की प्राथमिकियों का सामना कर रहे हैं, जो आईएसईसी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड द्वारा एनएसई कर्मचारियों के फोन की अवैध टैपिंग और एनएसई के सिस्टम ऑडिट करने में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड के दिशानिर्देशों के उल्लंघन को लेकर है। आईएसईसी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड पांडे द्वारा शुरू की गई एक कंपनी है।
संजय पांडे 30 जून को रिटायर हुए थे
संजय पांडे 1986 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी हैं। वे 30 जून को रिटायर हुए थे। मुंबई के पुलिस आयुक्त के रूप में अपने चार महीने के कार्यकाल से पहले उन्होंने महाराष्ट्र के कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक के रूप में भी सेवाएं दीं। उन पर आरोप है कि 2009-17 के बीच एनएसई कर्मचारियों की अवैध फोन टैपिंग की गई, जिसमें ‘आईसेक सिक्योरिटीज प्राइवेट लिमिटेड’ नामक कंपनी की कथित तौर पर संलिप्तता है।
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