नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि बैंक नोटों पर महात्मा गांधी की तस्वीर बदलने का उसका कोई विचार नहीं है। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी।
कांग्रेस के सदस्य दिग्विजय सिंह और अखिलेश प्रसाद सिंह ने सरकार से पूछा था कि क्या यह सच है कि सरकार भारतीय करेंसी नोटों पर से महात्मा गांधी की तस्वीर हटाने का विचार कर रही है? इसके जवाब में चौधरी ने कहा, ‘जी नहीं।’ कांग्रेस सदस्यों ने यह भी सवाल किया था कि क्या यह सरकार कुछ करेंसी नोटों पर नोबेल पुरस्कार से सम्मानित कवि रवींद्रनाथ टैगोर, सरदार वल्लभभाई पटेल और देश के ग्यारहवें राष्ट्रपति ए पी जे अब्दुल कलाम की वॉटरमार्क तस्वीर छापने का विचार कर रही है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘प्रश्न ही नहीं उठता।’ ज्ञात हो कि पिछले दिनों मीडिया के कुछ वर्गों में ऐसी खबरें आई थीं कि भारतीय रिजर्व बैंक महात्मा गांधी के चित्र के स्थान पर अन्य लोगों के चित्र का उपयोग कर मौजूदा मुद्रा और बैंक नोटों में बदलाव करने के प्रस्ताव पर विचार कर रहा है।
ऐसी खबरों में यह भी बताया गया था कि वित्त मंत्रालय और आरबीआई कुछ मूल्यवर्ग के बैंक नोटों पर रवींद्रनाथ टैगोर और एपीजे अब्दुल कलाम सहित अन्य प्रमुख भारतीयों हस्तियों के चित्रों का उपयोग करने पर विचार कर रहे हैं।
आरबीआई ने भी इस अफवाह पर बयान जारी करके कहा था कि बैंक ऐसा कोई भी कदम उठाने नहीं जा रहा है। बता दें कि 1947 से पहले नोटों पर ब्रिटेन के किंग जॉर्ज की तस्वीर छपती थी। देश की आजादी के बाद किंग जार्ज की तस्वीर को राष्ट्रीय प्रतीक अशोक लाट से रीप्लेस कर दिया गया। रिजर्व बैंक ने पहली बार 100 रुपये के नोट पर गांधी जी की तस्वीर छापी थी। हालांकि मौजूदा तस्वीर पहली बार 1987 में आई थी। इसे 500 के नोट पर छापा गया था।
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