पंजाब के उपचुनाव नतीजों में इमरान की पार्टी की बंपर जीत

इस्लामाबाद। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने पंजाब में अपनी सरकार बनाने और पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (पीएमएल-एन) को बाहर करने के लिए उपचुनावों में जरूरी संख्या में विधानसभा सीटें हासिल की हैं।

पाकिस्तान के एआरवाई न्यूज के हवाल से यह रिपोर्ट आई है। पंजाब में प्रांतीय असेंबली की 20 सीटों के उपचुनाव के लिए मतदान रविवार को हुआ था। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने 16 सीटें जीती हैं जबकि पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (पीएमएल-एन) ने तीन सीटें जीतीं। एक निर्दलीय उम्मीदवार ने भी पंजाब उपचुनाव में एक सीट जीती है।

वहीं, पाकिस्तान के सबसे बड़े प्रांत पंजाब में प्रांतीय असेंबली की 20 सीटों के उप चुनाव के नतीजों से ठीक पहले शहबाज शरीफ की पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पर नकेल कसने की कोशिश की। संघीय सरकार ने पीटीआई नेताओं पर देशद्रोह का मुकदमा चलाने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए एक कमेटी बनाई गई है। कमेटी बनाने का फैसला संघीय मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया।

शरीफ सरकार ने पीटीआई पर कार्रवाई का किया फैसला
समझा जाता है कि पंजाब के चुनावों के महत्व को देखते हुए शरीफ सरकार मतदान से दो दिन पहले पीटीआई पर कार्रवाई शुरू करने का फैसला किया। इसके लिए सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले को आधार बनाया है। नेशनल असंबली के पूर्व डिप्टी स्पीकर के मामले में ये फैसला आया। डिप्टी स्पीकर ने बीते अप्रैल में यह कर कर इमरान खान सरकार के खिलाफ पेश अविश्वास प्रस्ताव को रद्द कर दिया था कि विदेशी हस्तक्षेप से देश में सरकार बदलने की कोशिश की जा रही है। सुप्रीम कोर्ट इसी हफ्ते दिए अपने फैसले में कहा कि पूर्व डिप्टी स्पीकर अपने इस आरोप के पक्ष में कोर्ट में साक्ष्य पेश करने में नाकाम रहे।

सूचना मंत्री मरियम नवाज ने शुक्रवार को हुई कैबिनेट की बैठक में लिए गए फैसले की जानकारी मीडिया को दी। उन्होंने बताया कि संघीय मंत्रिमंडल ने एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें ‘संसद, संविधान और लोकतंत्र पर हमलों’ को रोकने का इरादा जताया गया है। इसी सिलसिले में कमेटी बनाने का फैसला हुआ। इस विशेष समिति की अध्यक्षता कानून मंत्री आजम नजीर तरार करेंगे। ये कमेटी सुप्रीम कोर्ट के फैसले की रोशनी में अपने सुझाव सरकार को देगी।

पर्यवेक्षकों के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में ऐसा कुछ नहीं कहा है, जिससे यह संकेत मिलता हो कि पीटीआई के नेता देशद्रोही गतिविधियों में शामिल हुए। इसके बावजूद संघीय सरकार ने बनाई गई कमेटी को देशद्रोह का मुकदमा चलाने की संभावना का पता लगाने को कहा है। इस रूप में यह फिलहाल एक सियासी दांव मालूम पड़ता है।

मरियम नवाज ने कहा कि कोर्ट के फैसले से यह साफ है कि स्पीकर, डिप्टी स्पीकर, राष्ट्रपति, और प्रधानमंत्री ने संविधान से तय अपने कर्त्तव्यों का पालन नहीं किया। उन्होंने कहा कि कैबिनेट ने कमेटी बनाने का फैसला किया है, ताकि संविधान के ऐसे उल्लंघनों को भविष्य में रोका जा सके।’ विश्लेषकों के मुताबिक क्या कर्त्तव्य निभाने में नाकामी देश द्रोह है, सरकार के ताजा फैसले ने इस सवाल पर देश में नई बहस खड़ी कर दी है।

Exit mobile version