लुलु मॉल में पीएसी तैनात, नमाज पढ़ने वालों तक पहुंची पुलिस

लखनऊ। पिछले कई दिनों से हो रही अराजकता को लेकर लुलु मॉल की सुरक्षा में पीएसी तैनात कर दी गई है और अराजक तत्वों पर ड्रोन से निगरानी की जा रही है। आधा किलोमीटर पहले पुलिस ने बैरिकेडिंग लगा दी है जहां पर चेकिंग के बाद ही मॉल के भीतर जाने की अनुमति दी जा रही है। उधर, लुलु मॉल में नमाज विवाद में पुलिस को अहम क्लू मिले हैं। पुलिस उन लोगों तक पहुंच गई है, जो नमाज पढ़ने के वायरल वीडियो में नजर आए हैं। जल्द उनकी गिरफ्तारी हो सकती है।

लुलु मॉल के उद्घाटन के दो दिन बाद मॉल में नमाज पढ़े जाने का वीडियो वायरल हुआ था। इसके बाद हिंदू संगठनों ने मॉल में सुंदरकांड पाठ की घोषणा की थी। शुक्रवार को हिंदू समाज पार्टी के तीन लोग सुंदरकांड का पाठ करने पहुंचे तो एक युवक नमाज पढ़ने गया था जिन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। वहीं शनिवार को करणी सेना के दो सदस्यों का मॉल में हनुमान चालीसा का पाठ करते वीडियो वायरल होने के बाद डीसीपी दक्षिण को हटाने के साथ ही प्रभारी निरीक्षक को लाइन हाजिर कर दिया गया।

एडीसीपी साउथ राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि मॉल के अंदर सादी वर्दी में बॉडी वार्म कैमरा लगाकर जवानों की तैनाती की गई है। मॉल की सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट मोड पर रखा गया है। पूरे इलाके में ड्रोन से नजर रखी जा रही है। इस दौरान किसी पर शक हुआ, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। एसीपी गोसाईंगंज स्वाति चौधरी के मुताबिक, मॉल के आधा किलोमीटर पहले ही बैरिकेंडिंग लगाकर चेकिंग की जा रही है। पीएसी के साथ पुलिस बल तैनात किया गया है। इस दौरान हर एक व्यक्ति की चेकिंग के बाद ही अंदर जाने दिया जाएगा।

वहीं पुलिस की अब तक की जो तफ्तीश है। वह इस ओर इशारा कर रही है कि इन युवकों का नमाज पढ़ने का वीडियो वायरल करने का पहले से प्लान था। लेकिन, उन्होंने ऐसा क्यों किया? इस सवाल का जवाब इनकी गिरफ्तारी के बाद ही मिल पाएगा। मामला सुर्खियों में होने के कारण अभी पुलिस अफसर इस पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।

मॉल प्रशासन ने जारी किया बयान, कार्रवाई की मांग
बढ़ते विवाद के बाद लुलु मॉल के क्षेत्रीय निदेशक जय कुमार गंगाधर ने बयान जारी कर कहा कि वे राजधानी की जनता के आभारी हैं जिन्होंने मॉल को इतना समर्थन दिया है। लुलु मॉल पूर्णतया व्यावसायिक प्रतिष्ठान है, जो बिना किसी जाति, मत या वर्ग का भेद किए व्यवसाय करता है। मॉल में जो भी कर्मी हैं वे जाति, मजहब के नाम पर नहीं, बल्कि अपनी कार्यकुशलता के आधार पर व मेरिट के आधार पर रखे जाते हैं।

उन्होंने कहा कि कुछ अराजकतत्वों ने प्रतिष्ठान को निशाना बनाने का प्रयास किया है। प्रतिष्ठान में 80 प्रतिशत से अधिक हिंदू हैं व शेष में मुस्लिम, ईसाई व अन्य वर्गों के लोग हैं। प्रतिष्ठान में किसी भी व्यक्ति को धार्मिक गतिविधि संचालित करने की छूट नहीं है। जिन लोगों ने सार्वजनिक स्थान पर प्रार्थना व नमाज पढ़ने की चेष्टा की है, उन पर केस दर्ज कर सख्त कार्रवाई की जाए।

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