दिल्ली। प्रदेश सरकार के स्कूलों में प्रिंसिपल के 363 पदों पर भर्ती के लिए परीक्षा का आयोजन यूपीएससी (यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन) की ओर से किया जाएगा। यूपीएससी की ओर से नई शिक्षा नीति के आधार पर यह परीक्षा ली जा रही है। इस संबंध में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने यूपीएससी के चेयरमैन डॉ. मनोज सोनी को पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने प्रिंसिपल के गुणों को लेकर सुझाव दिए हैं।
सिसोदिया ने यूपीएससी को कहा है कि वह इस बात पर बल दे कि प्रिंसिपल में प्रशासनिक प्रक्रिया की समझ के साथ-साथ बच्चों के सीखने की प्रक्रिया और मनोविज्ञान की भी गहरी समझ हो। सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली में लगभग एक दशक के लम्बे अंतराल के बाद संघ लोक सेवा आयोग द्वारा प्रिंसिपल की भर्ती के लिए चयन परीक्षा आयोजित की गई है। उन्होंने चयन केलिए 6 विषय वस्तुओं और पांच योग्यताओं पर ध्यान देने की बात कही।
सुझावों में उन्होंने कहा कि प्रिंसिपल में प्रत्येक बच्चे और उसकी सीखने की क्षमता केप्रति विश्वास, दिल्ली की संस्कृति और विविधता का सम्मान, दिल्ली की जमीनी हकीकत की समझ, शिक्षकों को प्रेरित करने और उन्हें गाइडेंस देने में सक्षमता, रिसर्च ओरिएंटेड माइंडसेट हमेशा पढने-सीखने के लिए तत्परता होनी चाहिए। सिसोदिया ने इन बातों पर ध्यान देने को कहा क्योंकि प्रिंसिपल न केवल एक शैक्षणिक प्रशासक होते हैं बल्कि वो एक स्कूल लीडर की भूमिका भी निभाते है ऐसे में एक प्रिंसिपल के अंदर ये सभी गुण होना बेहद महत्वपूर्ण है।
मालम हो कि दिल्ली में दस साल बाद यूपीएससी द्वारा प्रधानाचार्यों की सीधी भर्ती की जा रही है। इससे पहले 58 प्रधानाचार्यों के पिछले बैच ने 2012 में अपनी लिखित परीक्षा दी थी और 2015 में स्कूलों को ज्वाइन किया था।
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