कोच्चि। केरल हाईकोर्ट ने मंगलवार को निचली अदालत के एक आदेश को आरएसएस कर दिया। 2008 में माकपा के स्थानीय नेता विष्णु की कथित तौर पर हत्या का यह मामला था। अदालत ने इस संबंध में आरएसएस के 13 कार्यकर्ताओं को बरी कर दिया।
हाईकोर्ट ने तिरुवनंतपुरम में अतिरिक्त सत्र न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली आरोपी द्वारा दायर एक अपील पर विचार करते हुए उन्हें बरी कर दिया, जिसमें 11 आरोपियों को दोहरा आजीवन कारावास, एक को आजीवन कारावास और शेष को एक से 3 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी। अदालत ने कहा कि अपराध साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं। बरी किए गए लोगों में टी संतोष, मनोज उर्फ कक्कोट्टा मनोज, बीनूकुमार, हरिलाल, रंजीत कुमार, बालू महेंद्र, विपिन, सतीश कुमार, बोस, मणिकांतन, विनोद कुमार, सुभाष, शिवलाल हैं।
साल 2008 का है मामला
बता दें कि 1 अप्रैल 2008 को तिरुवनंतपुरम में कैथामुक्कू पासपोर्ट कार्यालय के सामने विष्णु की हत्या कर दी गई थी। विष्णु जो सीपीआईएम की शाखा समिति के सदस्य थे पर आरएसएस कार्यकर्ताओं और आरएसएस कार्यालय पर बम से हमला करने से संबंधित एक मामले में आरोप लगाया गया था।
हाईकोर्ट के विशेष निर्देश पर सात महीने में ट्रायल पूरा हुआ। सुनवाई के दौरान लगभग 77 गवाहों से जिरह की गई और 162 दस्तावेजों और 65 भौतिक साक्ष्यों की जांच की गई। सत्र न्यायालय ने 17 दिसंबर 2016 को उन्हें दोषी पाया और 19 दिसंबर को सजा सुनाई।
एसएफआइ के 19 कार्यकर्ताओं को किया गया गिरफ्तार
वहीं, दूसरी ओर पिछले दिनों केरल में कांग्रेस नेता और वायनाड से सांसद राहुल गांधी के कार्यालय में तोड़फोड़ मामले में सत्तारूढ़ माकपा की छात्र इकाई स्टूडेंट्स फेडरेशन आफ इंडिया (SFI) के 19 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया था। विपक्षी कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ ने इस घटना को लेकर केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन पर निशाना साधते हुए कहा था कि हमला उनकी जानकारी में हुआ था।
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