लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के बंगाली टोला इलाके में दुनिया के कुत्ते की सबसे खूंखार नस्ल पिटबुल कुत्ते के हमले में मालकिन की मौत की दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है।
कैसरबाग के बंगाली टोला में सुशीला त्रिपाठी परिवार के साथ रहती थीं। वह नारी शिक्षा निकेतन में शिक्षिका के पद से सेवानिवृत्त हुई थीं। पति आरएन त्रिपाठी की काफी पहले मौत हो चुकी है। बेटा अमित त्रिपाठी अलीगंज स्थित एक जिम में ट्रेनर है। घर में एक लेब्राडोर तो दूसरा खूंखार प्रजाति का पिटबुल डॉग पाल रखा है। मंगलवार सुबह बेटा अमित जिम चला गया। सुशीला छत पर दोनों श्वानों को टहला रही थीं। इसी बीच अचानक से पिटबुल ने उन पर हमला कर पेट, सिर, चेहरा, पैर और हाथ में कई जगह नोंच लिया। इससे वह गंभीर रूप से घायल हो गईं।
सुशीला पर जब पिटबुल ने हमला किया तो घर पर केवल नौकरानी ही थी। सुशीला की चीख सुन वह छत पर गई तो उन्हें खून से लथपथ देख उनके बेटे अमित को सूचना दी। कुछ ही देर में घर पहुंचे अमित ने मां को बलरामपुर अस्पताल ले जाकर भर्ती कराया। वहां हालत बिगड़ी तो घरवाले उन्हें ट्रॉमा सेंटर ले गए, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। मौके पर पहुंची चौक पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद घरवालों को सौंपा।
शरीर पर मिले 13 बड़े घाव के निशान
पोस्टमार्टम में सुशीला के चेहरे, पेट, सिर के पिछले हिस्से, दोनों हाथ और जांघ पर 13 जगह श्वान के नोंचने के निशान मिले। इसके अलावा कई जगह शरीर पर खरोंच के निशान भी मिले हैं। इससे जाहिर है कि सुशीला ने खुद को पिटबुल से बचाने के लिए काफी संघर्ष किया था। मेडिकल कॉलेज चौकी प्रभारी सत्यपाल सिंह के मुताबिक शिक्षिका मृत हालत में ट्रॉमा सेंटर लाई गई थीं।
बता दें पिटबुल दुनिया का सबसे खतरनाक किस्म का कुत्ता माना जाता है। कई देशों में तो पिटबुल को पालना भी बैन है। पिटबुल व्यवहार से काफी हिंसक होते हैं इसलिए उन्हें कई देशों में पालना मना है।
Discussion about this post