पटना। अगर आप स्कूल व कॉलेज लाइफ में एक औसत छात्र भी रहे हैं तो भी आप बुलंदियों के शिखर को छू सकते हैं। हाल में आईएएस ऑफिसर अवनीश शरण द्वारा सोशल मीडिया पर शेयर की गई 10वीं की मार्कशीट स्टूडेंट्स को इस संबंध में काफी प्ररेणा देने वाली है।
बिहार बोर्ड मैट्रिक की 26 साल पहले की इस मार्कशीट में देखा जा सकता है कि अवनीश को 700 में से केवल 314 मार्क्स (44.5 फीसदी) मिले थे। मैथ्स में तो वह फेल होते होते बचे थे। 10वीं में थर्ड डिविजन से पास होने के बावजूद अवनीश यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास कर आईएएस ऑफिसर बने।
बिहार के रहने वाले इस आईएएस ऑफिसर की मार्कशीट देखकर सोशल मीडिया पर हर कोई हैरान है। सोशल मीडिया यूजर्स इस मार्कशीट को बोर्ड परीक्षार्थियों के लिए काफी सीख देने वाली बता रहे हैं। एक यूजर्स ने लिखा कि इससे साबित होता है कि डिग्री महज एक कागज का टुकड़ा है। एक अन्य ने लिखा कि इससे साबित होता है कि कुछ भी नामुमकिन नहीं है। आपकी मार्कशीट से मुझे काफी प्रेरणा मिली है। एक यूजर ने लिखा कि मार्कशीट बताती है कि स्टूडेंट्स को 90 प्रतिशत मार्क्स की तरफ नहीं बल्कि उन्हें जीवन में अपने लक्ष्य की ओर बढ़ना चाहिए। अवनीश शरण के इस ट्वीट को शनिवार सुबह तक करीब 3000 बार रीट्वीट किया जा चुका है। इसे 31000 से ज्यादा लाइक मिल चुके हैं।
पिछले साल भी जुलाई 2021 में अवनीश शरण का एक ट्वीट वायरल हुआ था जिसमें उन्होंने एक पोस्ट पर अपनी प्रतिक्रिया दी थी। इस पोस्ट में अवनीश की सक्सेस स्टोरी के बारे में बताया गया था। पोस्ट में लिखा था, ‘एक लड़के के 10वीं में 44.5 फीसदी, 12वीं में 65 फीसदी और ग्रेजुएशन में 60.7 फीसदी मार्क्स आए। लेकिन उसने अपनी सकारात्मकता, मेहनत और लगन से प्रतिष्ठित व चुनौतिपूर्ण यूपीएससी परीक्षा पास की और 77वीं रैंक हासिल की।’
इस पोस्ट के जवाब में अवनीश ने लिखा था, ‘मेरे एकेडमिक प्रदर्शन से संबंधित यह पोस्ट सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर किया जा रहा है। मुझे इसकी पुष्टि करने के लिए सैकड़ों मैसेज मिल रहे हैं। हां, मुझे अपने स्कूल/कॉलेज में ऐसे अंक मिले हैं लेकिन इसे पढ़ाई न करने और खराब ग्रेड के बहाने के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।’
इसके अगले पोस्ट में आईएएस ऑफिसर ने कहा था, ‘ये पोस्ट मुझे मजबूरी में लिखनी पड़ी। बहुत से पेरेंट्स/टीचर्स की मुझसे शिकायत है कि बच्चे मन लगाकर पढ़ना बंद कर दिए हैं। बच्चों का लॉजिक है कि अभी पढ़ने से क्या फ़ायदा, आगे पढ़ लेंगे. कुछ बच्चे तो यह भी कहने लगे हैं कि IAS बनने के लिए स्कूल/कॉलेज में कम नम्बर होना ज़रूरी है।’
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