अजमेर। नूपुर शर्मा को धमकी देने के आरोपी सलमान चिश्ती को बचने का रास्ता बताना पुलिस अधिकारी पर भारी पड़ गया। राज्य सरकार ने सीओ संदीप सारस्वत को मौजूदा पद से हटाकर मुख्यालय से अटैच कर दिया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेताओं ने इसे बड़ा मुद्दा बनाते हुए राज्य सरकार पर तुष्टिकरण के आरोप लगाए थे।
सलमान चिश्ती को पुलिस ने मंगलवार रात उसके घर से गिरफ्तार किया था। पुलिस जब सलमान चिश्ती को घर से लेकर बाहर निकली तो साथ में दरगाह सीओ संदीप सारस्वत भी साथ थे। उसी दौरान सलमान चिश्ती से पूछा गया कि कौन सा नशा करता है तो उसने कहा कि वह नशा नहीं करता है। इस पर अधिकारी को यह सुनते हुए पाया गया कि ‘बोल देना कि नशे में था, ताकि बचाया जा सके।’
वीडियो वायरल होने के बाद गहलोत सरकार और अजमेर पुलिस की किरकिरी हो रही थी। एक ओर जहां कन्हैयालाल की हत्या के बाद सरकार भड़काऊ भाषणबाजी पर ऐक्शन ले रही है तो दूसरी तरफ पुलिस अधिकारी के इस तरह आरोपी से हमदर्दी दिखाने का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। भाजपा नेताओं ने इस वीडियो को शेयर करते हुए सरकार पर तुष्टिकरण के आरोप लगाए और इसे एक सबूत बताया। ऐसे में सरकार ने इस मामले में गंभीरता से लेते हुए पुलिस अधिकारी पर बुधवार रात ऐक्शन लिया।
सर तन से जुदा…करने की नूपुर शर्मा को दे रहा था धमकी
अजमेर दरगाह के हिस्ट्रीशीटर मौलवी बने सैयद सलमान चिश्ती ने एक वीडियो में नूपुर को खत्म करने वाले को अपना घर और संपत्ति देने के बारे में कहा था। चिश्ती को कथित तौर पर यह कहते हुए भी सुना जाता है कि वह पैगंबर का अपमान करने के लिए उसे गोली मार दो। आपको सभी मुस्लिम देशों को जवाब देना होगा। मैं यह अजमेर, राजस्थान से कह रहा हूं, और यह संदेश हुजूर ख्वाजा बाबा के दरबार से है।
अधिकारियों ने कहा कि आरोपी खादिम सलमान चिश्ती एक हिस्ट्रीशीटर है। पुलिस ने बताया कि सलमान पहले से आपराधिक प्रवत्ति का रहा है, उसके ऊपर पहले से ही 13 से अधिक अपराधिक केस अलग-अलग थानों में दर्ज है। जिसमें हत्या का केस भी है। एक मामले में आरोपी को सजा भी सुनाई जा चुकी है।
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