नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पूर्व एथलीट पीटी उषा, संगीतकार इलैयाराजा, कर्नाटक के धर्मस्थल मंदिर के धर्माधिकारी व समाजसेवी वीरेंद्र हेगड़े और भारतीय पटकथा लेखक और फिल्म निर्देशक वी. विजयेंद्र प्रसाद को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है। चारों ही अपने-अपने क्षेत्र की धुरंधर और प्रभावशाली शख्सियत हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी को बधाई दी है।
पीटी ऊषा केरल से हैं, पीटी ने 1984 ओलंपिक खेलों में चौथा स्थान हासिल किया था। इसके बाद से वो पूरे देश में लोकप्रिय हो गईं। उनकी लोकप्रियता इस कदर बढ़ी की आगे चलकर वो एथलेटिक्स का पर्याय बन गईं। अब उनके योगदान को सम्मान देते हुए उन्हें राज्यसभा के लिए मनोनीत किया गया है।
इलैयाराजा तमिलनाडु से हैं और दलित समुदाय से आते हैं। इलैयाराजा 80 के दशक में साउथ सिनेमा और बॉलीवुड दोनों का ही एक चमकता सितारा रहे हैं। गानों की एक लंबी फेहरिस्त है जिसे इलैयाराजा ने अपने स्वरों से संवारा है। संगीत के साथ-साथ ये पीएम मोदी की तारीफ करके भी सुर्खियों में छाए थे।
साउथ सिनेमा में पश्चिम का म्यूजिक पहुंचाने का श्रेय इलैयाराजा को ही जाता है। ये पहले भारतीय संगीतकार हैं, जिन्होंने 1986 में आई फिल्म विक्रम के लिए कंप्यूटर के माध्यम से गाना रिकॉर्ड किया था। इसके अलावा इलैयाराजा ने 1992 में आई फिल्म चेंबरुथी के लिए 45 मिनट में नौ गाने बनाए थे जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। साल 2006 में भी उन्होंने पहली बार भारत में सिम्फनी, थिरुवसागम ती रचना की थी।
इनके नाम रहे रिकॉर्ड यहीं नहीं थमे, इन्होंने अब तक 7,0000 से ज्यादा गानों की रचना की है। 1400 से ज्यादा फिल्मों के लिए बैकग्राउंड स्कोर की रचना की इसके साथ ही 20,000 से अधिक लाइव कॉन्सर्ट किए है। 2015 में उन्हें 1000 फिल्मों में संगीत देने के लिए बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन, साउथ सिनेमा के थलाइवा रजनीकांत और कमल हसन ने सम्मानित भी किया था। साल 2018 में केंद्र सरकार द्वारा पद्म विभूषण से सम्मानित होने वाले इलैयाराजा का नाम तब भी सुर्खियों में आया था
वीरेंद्र हेगड़े दक्षिण कन्नड़ में स्थित श्री धर्मस्थल मंजुनाथ स्वामी मंदिर के अनुवांशिक ट्रस्टी हैं। जैन समुदाय से होते हुए भी उनका परिवार कई हिंदू समुदाय के मंदिरों का भी ट्रस्टी है। वीरेंद्र हेगड़े दिगंबर जैन समुदाय से आते हैं। डॉक्टर हेगड़े को दान और सामाजिक कार्यों के लिए कई अवॉर्ड मिल चुके हैं। उन्हें साल 2000 प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल के दौरान पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था जबकि 2015 में पीएम मोदी के शासन में पद्म विभूषण से सम्मानित हुए।
वहीं वी. विजयेंद्र प्रसाद आंध्र प्रदेश से आते हैं। विजयेंद्र खुद अपनी उम्र को अपने काम में आड़े नहीं आने देते। 80 वर्ष की उम्र में भी वह खुद को 27 साल का ही मानते हैं। एक बातचीत के दौरान उन्होंने यह कहा था। सिर्फ कहा नहीं था, बल्कि अपनी फिल्मों से उन्होंने यह साबित भी कर दिखाया है। ‘बाहुबली’ और ‘आरआरआर’ जैसी फिल्में इसका उदाहरण हैं। बता दें कि ‘बाहुबली’, ‘आरआरआर’, ‘बजरंगी भाईजान’, ‘मगाधीरा’ इनकी चर्चित फिल्में हैं, जिनमें इन्होंने स्क्रीनराइटिंग का काम किया है। लोकप्रिय दक्षिण फिल्म निर्माता एसएस राजामौली इनके पुत्र हैं।
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