गाजियाबाद। गाजियाबाद में कैबिनेट मंत्री संजय निषाद को कीचड़ से बचाने के लिए रियां बिछाई गईं। नेताजी तो वीआईपी है लेकिन आम जनता वीआईपी की श्रेणी में नहीं आती है, ऐसे में आम जनता को मसूरी झील पर पहुंचने के लिए जद्दोजहद करनी पड़ती है।
मंत्री संजय निषाद सोमवार को गाजियाबाद के मसूरी क्षेत्र में मत्स्य विभाग की झील पर एक कार्यक्रम में पहुंचे। यहां प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत 5 लाख रुपए तक के सामूहिक दुर्घटना बीमा का पत्र सौंपने और जागरुकता संगोष्ठी कार्यक्रम था। मंत्री के पहुंचने से कुछ देर पहले ही गाजियाबाद में जोरदार बारिश हुई थी। इस वजह से झील की तरफ जाने वाले रास्ते पर कीचड़ हो गई। सबसे पहले तो मंत्री की फॉरच्यूनर को वहां तक पहुंचने में दिक्कत आई। एक जगह जाकर जब रास्ता बंद हो गया तो मंत्री को गाड़ी से उतरना पड़ा और पैदल चल दिए।
मंत्री जी के पैरों में कीचड़ न लगे इसीलिए जैसे ही वो एक बोरी पर पहुंचते तो पीछे से एक अधिकारी उस बोरी को उनके सामने रख देता और जैसे ही वह दूसरी बोरी पर पहुंचते तो फिर से एक अधिकारी उस बोरी को उठाकर उनके सामने रख देता है। यह सिलसिला उनकी गाड़ी से झील तक तक चला, जहां ये कार्यक्रम आयोजित था। पूरे रास्ते बोरियां बिछाने और उठाने के लिए दो कर्मचारी खासतौर पर तैनात किए गए थे।
वहीं एक कर्मचारी उनके लिए छाता पकड़े हुए साथ चल रहा था। पूरा रास्ते चलने के बाद मंत्री तो ठीक-ठाक मसूरी झील पर पहुंच गए लेकिन अधिकारियों के कपड़े कीचड़ और बारिश के पानी से खराब हो गए।
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