दाऊद इब्राहिम केस में उद्धव ठाकरे ने नहीं लिया एक्शन: सीएम शिंदे

मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने एमवीए की सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर 50 विधायकों ने शिवसेना छोड़ी तो इसके पीछे बड़ा कारण होगा? उन्होंने आरोप लगाया कि उद्धव ठाकरे सरकार अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम, मुंबई ब्लास्ट, वीर सावरकर और हिंदुत्व से संबंधित मामलों में निर्णय लेने में नाकाम रही।

शिंदे ने कहा, “शिवसेना और बीजेपी ने 2019 का विधानसभा चुनाव साथ-साथ लड़ी। लेकिन महाराष्ट्र में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी की सरकार बनी। इस वजह से जब भी हिंदुत्व के मुद्दे सामने आए, सावरकर से जुड़े मामले सामने आए, मुंबई विस्फोट का मुद्दा आया, दाऊद का मुद्दा सामने आया और अन्य ऐसे मुद्दे आए तो हम निर्णय लेने में असमर्थ थे।” शिंदे ने एनसीपी नेता नवाब मलिक के 1993 के बम विस्फोटों के मुख्य आरोपी गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम से कथित संबंधों का जिक्र करते हुए यह कहा।

शिंदे ने कहा कि शिवसेना के विधायक अपने निर्वाचन क्षेत्रों में काम नहीं कर पा रहे थे। कांग्रेस और एनसीपी उन निर्वाचन क्षेत्रों में हारे हुए लोगों को मजबूत कर रही थी। जब हम चुनाव जीतते हैं तो मतदाता उम्मीद करते हैं कि पानी, सड़क और अन्य बुनियादी कार्यों सहित विकास कार्य होंगे। हमारे विधायक धन की कमी और अन्य समस्याओं के कारण ऐसा नहीं कर पाए। हमने अपने वरिष्ठों से कई बार बात की कि इन समस्याओं का हल किया जाए। लेकिन दुर्भाग्य से हम इसमें सफल नहीं हो सके। इसलिए हमारे 40-50 विधायकों ने यह फैसला लिया।”

‘कुछ भी अवैध नहीं’
शिंदे ने यह भी कहा है कि उनके विद्रोह में कुछ भी अवैध नहीं था। उन्होंने फ्लोर पर अपना बहुमत साबित कर दिया है। उन्होंने कहा, ”हम कुछ भी अवैध नहीं कर रहे हैं। इस देश के लोकतंत्र में नियम, कानून और संविधान हैं और उसी के अनुसार काम करना होता है। आज हमारे पास बहुमत है। हमारे पास शिवसेना की दो तिहाई से अधिक (विधायिका की ताकत) है और इसलिए हमने जो निर्णय लिया है वह कानूनी और वैध है।”

शिंदे ने कहा है कि स्पीकर ने भी हमें मान्यता दी है। शिंदे ने कहा, ”हमने कुछ भी अवैध नहीं किया है और जिन्होंने ऐसा किया है उनके खिलाफ अदालत फैसला करेगी। फ्लोर टेस्ट हो चुका है, स्पीकर चुन लिया गया है। सरकार ने विश्वास मत हासिल कर लिया है। लोकतंत्र में जो करने की जरूरत है वह किया गया है। इस सरकार को 170 विधायकों का समर्थन प्राप्त है और यह एक मजबूत सरकार है।”

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