दिल्ली। मोबाइल चोरी और झपटमारी की वारदात को अंजाम देने वाले बदमाशों की अब खैर नहीं है। दिल्ली पुलिस की ओर से पहली बार सभी जिलों में ऐसा सर्वर लगाया गया है, जिस पर चोरी के मोबाइल में सिम कार्ड डालते ही अलर्ट मिल जाएगा। इससे पुलिस उस मोबाइल को तुरंत ब्लॉक करा सकेगी, या फिर ट्रेस कर आरोपी तक पहुंच सकेगी।
मोबाइल चोरी और उससे होने वाले साइबर अपराध पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस ने अप्रैल महीने से प्राथमिकी दर्ज होने के 24 घंटे के भीतर चोरी के फोन को ब्लॉक करने की कार्रवाई शुरू की है। पुलिस ने ब्लैक एंड ग्रे नाम की दो श्रेणियों में फोन ब्लॉक करने की कार्रवाई शुरू की है। ब्लैक श्रेणी में ब्लॉक करने पर मोबाइल से नेटवर्क स्थायी रूप से खत्म हो जाएगा। वहीं, ग्रे श्रेणी में फोन में नेटवर्क तो रहेगा, लेकिन पुलिस उसे ट्रैक कर सकेगी।
पुलिस के मुताबिक, झपटमारी और लूटे गए मोबाइल फोन को ग्रे श्रेणी के तहत ब्लॉक करने की कार्रवाई की जा रही है। जैसे ही इन फोन में कोई भी नया सिम कार्ड डालता है, वैसे ही पुलिस के सर्वर पर अलर्ट जेनरेट हो जाता है। इससे आरोपी की लोकेशन का पता चल जाता है और पुलिस दबोच लेती है।
ठगों के नंबर तुरंत ब्लॉक होंगे
पुलिस साइबर अपराध में इस्तेमाल मोबाइल फोन को ब्लैक श्रेणी में रख रही है। इन सिम कार्ड को परमानेंट ब्लॉक कर दिया जाता है। इसके पीछे पुलिस का तर्क यह है कि साइबर अपराधी एक साथ कई लोगों के साथ वारदात करते हैं। ऐसे में ज्यादा लोग उनके शिकार न हों, इसके लिए उनके नंबर को हमेशा के लिए ब्लॉक करना ही उचित है।
54 फीसदी मोबाइल की झपटमारी
दिल्ली की सड़कों पर झपटमारों की नजर अधिकतर स्मार्टफोन पर रहती है। यह खुलासा दिल्ली पुलिस द्वारा सड़कों पर होने वाले अपराध ‘स्ट्रीट क्राइम’ को लेकर कराए गए एक सर्वेक्षण में हुआ है। झपटमारी को लेकर दिल्ली पुलिस की तरफ से कराए गए सर्वे के मुताबिक, राजधानी में होने वाली झपटमारी की कुल वारदात में से 54 प्रतिशत ‘स्मार्टफोन’ छीनने की होती हैं। दिल्ली पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक, पहले जहां झपटमारी की वारदात में से केवल 14 फीसदी ही स्मार्टफोन झपटने की होती थीं। वहीं, अब यह आंकड़ा बढ़कर 54 फीसदी के आसपास पहुंच गया है।
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