अमरावती। उदयपुर में हुई कन्हैयालाल की बर्बर हत्या से भी पहले महाराष्ट्र के अमरावती में उसी प्रकार हुई दवा व्यवसायी उमेश कोल्हे की हत्या की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने अपने हाथ में ले ली है। 21 जून को हुई इस हत्या के सिलसिले में मास्टरमाइंड शेख इरफान शेख रहीम सहित सात लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इरफान सातवां आरोपी है जिसे गिरफ्तार किया गया है। वह फरार होने की फिराक में था, तभी पुलिस ने दबोच लिया। इरफान एनजीओ चलाता है।
उमेश के भाई महेश कोल्हे ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। महेश ने बताया कि हत्याकांड में शामिल यूसुफ खान अमरावती में डॉक्टर है और उमेश से उसकी अच्छी दोस्ती थी। यूसुफ मेडिकल पर आकर दवाएं खरीदता था। यही नहीं, कई बार उमेश के घर भी आया।महेश के मुताबिक यूसुफ की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। कई बार उमेश ने कर्ज देकर यूसुफ की मदद भी की थी। यूसुफ पर कर्ज की रकम एक लाख रुपए से ज्यादा हो गई है।महेश का कहना है कि यूसुफ को अपनी बहन की शादी के लिए पैसों की जरूरत थी। इस संबंध में जब उसने उमेश से बात की तो उन्होंने यूसुफ को रुपए दिए लेकिन यूसुफ ने आज तक पैसे वापस नहीं लौटाए। यही नहीं महेश का ये भी कहना है कि उसके भाई उमेश ने अपने संपर्कों का इस्तेमाल कर यूसुफ के बच्चों का एक मुस्लिम स्कूल में एडमिशन भी कराया था।
पुलिस के मुताबिक, यूसुफ डॉक्टरों और मेडिकल वालों के उस व्हाट्सऐप ग्रुप में था, जिसमें उमेश ने नूपुर शर्मा के समर्थन वाला पोस्ट फारवर्ड किया था। डाक्टर यूसुफ खान ने नुपुर शर्मा के समर्थन में उमेश कोल्हे द्वारा कुछ वाट्सएप समूहों में भेजे गए संदेशों को मुस्लिम समुदाय में प्रसारित किया। उसने कहा कि देखो यह व्यक्ति हमारे धर्म के खिलाफ बोलने वाली का समर्थन कर रहा है और आप लोग उसकी दुकान से दवा खरीदते हैं। यूसुफ खान के इन संदेशों से उत्तेजित होकर घटना के मास्टरमाइंड इरफान खान ने हत्या की साजिश रच डाली।
हत्याकांड को अंजाम देने के बाद यूसुफ ने बचने की कोशिश भी की। वह उमेश के अंतिम संस्कार में शामिल हुआ ताकि किसी को पता न चले और शक न हो। आखिरकार उसे पकड़ ही लिया गया।
पुलिस उपायुक्त विक्रम साली के अनुसार, मृतक के पुत्र संकेत द्वारा लिखाई गई एफआइआर के बाद 23 जून को दो आरोपितों मुदस्सिर अहमद एवं शाहरुख पठान को गिरफ्तार कर लिया गया था। दोनों से पूछताछ के दौरान चार और लोगों के नाम सामने आए। इनमें से तीन अब्दुल तौफीक, शोएब खान एवं आतिब रशीद को भी 25 जून को गिरफ्तार कर लिया गया था। हत्याकांड के मास्टरमाइंड माने जा रहे इरफान एवं वेटरेनरी डाक्टर यूसुफ खान को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया गया। नागपुर से गिरफ्तार इरफान ने ही दो लोगों को उमेश पर नजर रखने को कहा था। उसने हत्याकांड को अंजाम देने के लिए हत्यारों को 10 हजार रुपये एवं एक कार का इंतजाम भी किया था।
क्षेत्रीय पुलिस उपायुक्त विक्रम साली ने मीडिया को बताया कि इस मामले में स्थानीय पुलिस ने आईपीसी की दो और धाराएं 120बी एवं 109 जोड़ दी हैं। पुलिस ने बताया कि यह हत्याकांड भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नुपुर शर्मा के एक विवादित बयान का समर्थन करने के कारण अंजाम दिया गया है। NIA इस बात की भी जांच करेगी कि कहीं अमरावती और उदयपुर की घटनाओं में कोई संबंध तो नहीं है?