दिल्ली में जबरन रिटायर किए जाएंगे निष्क्रिय सरकारी कर्मचारी, उपराज्यपाल का निर्देश

दिल्ली। दिल्ली सरकार में निष्क्रिय सरकारी कर्मचारी समय से पहले जबरन सेवानिवृत्त किए जाएंगे। भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे अधिकारियों पर कार्रवाई के बाद उपराज्यपाल ने अब यह निर्देश दिया है। दिल्ली सरकार के ऐसे कर्मचारियों और अधिकारियों के कामकाज की समय-समय पर समीक्षा रिपोर्ट देने के लिए एक पांच सदस्यीय समिति का गठन भी किया गया है।

उपराज्यपाल के निर्देश के बाद वित्त विभाग की एचआरडी कैडर नियंत्रण इकाई ने सभी विभागों के प्रमुखों को सर्कुलर जारी किया है। इसे अति आवश्यक बताते हुए निर्धारित प्रारूप में कर्मचारियों से जुड़ी जानकारी देने को कहा गया है। समीक्षा के जरिये ऐसे लोगों को चिह्नित किया जाए, जो कि बिल्कुल काम नहीं कर रहे। उन्हें प्राथमिकता के आधार पर जबरन रिटायर किया जाए।

इस संबंध में हर महीने की 15 तारीख तक ऐसे कर्मचारियों की तय प्रारूप के तहत जानकारी देने के साथ उसपर क्या कार्रवाई की गई उसकी रिपोर्ट सेवा विभाग को देनी होगी। आदेश के मुताबिक, इसमें उन कर्मचारियों को प्राथमिकता के आधार पर शामिल किया जाएगा जो कि 50 से 55 साल की उम्र के करीब हों या 30 साल की सेवा दे चुके हों।

सेवानिवृत्ति के मानक
दिल्ली सरकार में तैनात ऐसे कर्मचारी जिनकी कामकाज के प्रति सत्यनिष्ठा संदिग्ध हो।
ऐसा कर्मचारी जो कि अप्रभावी हो, कामकाज नहीं कर रहा है।
कर्मचारी जिस पद पर तैनात है वह उसके लिए उपयोगी या पूरी तरह से फिट है कि नहीं, इसकी पुष्टि जांच होने पर।
कर्मचारी को बीते पांच साल में प्रमोशन मिला है लेकिन उसकी गतिविधि संदिग्ध है तो।

ऐसे कर्मी पर कार्रवाई नहीं
अगर कोई कर्मचारी जिस पद पर है उस पर अप्रभावी मिलता है, लेकिन अगर उससे पहले बीते पांच साल में उच्च पद पर प्रमोट हुआ तो उसके आधार पर उसे सेवानिवृत्त नहीं किया जा सकता
अगर कोई कर्मचारी की समय से पहले सेवानिवृत्त की सिफारिश जिस तारीख को हुई है, उस समय से अगले एक साल के अंदर वह खुद रिटायर होने वाला है तो उसे समय से पहले सेवानिवृत्त नहीं किया जाएगा।

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