गाजियाबाद। नंदग्राम थाना क्षेत्र के हिडन विहार में पत्नी से विवाद के चलते एक बुजुर्ग व्यक्ति ने पत्नी को चाकू मार दिया। आरोपित खून से लथपथ चाकू लेकर थाने पहुंचा और पुलिस से बोला कि मैंने अपनी पत्नी को मार दिया है और मुझे गिरफ्तार कर लो। वहीं महिला को बेहद गंभीर हालत में बेटों ने अस्पताल में भर्ती कराया है।
मूलरूप से बागपत के लुहारी सराय गांव का रहने वाला बुजुर्ग अब्दुल रऊफ हिडन विहार में बालाजी मंदिर के पास परिवार के साथ रहता है। उसके परिवार में पत्नी रईसा, तीन बेटे और चार बेटियां हैं। सातों बच्चे शादीशुदा हैं। रऊफ नशे का आदी बताया गया है। बेटे ही मजदूरी करके घर का खर्च चलाते हैं। बेटे इरफान ने बताया कि उसके माता-पिता के बीच रोजाना झगड़ा रहता था। मंगलवार सुबह तीनों भाई अपने काम पर चले गए। इसी दौरान माता-पिता के बीच झगड़ा हुआ और पिता ने उनकी मां पर चाकू से ताबड़तोड़ हमला कर दिया।
बाद में बुजुर्ग थाने पहुँचा और पुलिस से कहा कि मैं अपनी पत्नी का खून करके आया हूं, मुझे जेल भेज दो, 44 साल से क्लेश चल रहा था, आज खत्म कर दिया। अब्दुल रऊफ ने खून से सना चाकू दिखाते हुए यह कहा तो पुलिसवाले भौंचक्के रह गए। पुलिस उसे साथ लेकर हिंडन विहार में उसके घर पहुंची तो पता चला कि उसने चाकू से चार प्रहार कर 62 साल की पत्नी रईसा को लहूलुहान कर दिया है। बेहद गंभीर हालत में बेटों ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया है।
अब्दुल रऊफ ने पुलिस को बताया कि उसका और पत्नी का पिछले 44 सालों से झगड़ा चल रहा है। पत्नी कहना नहीं मानती है। वह अपने मायके वालों के कहने पर चलती है। आरोप है कि पत्नी कई बार अपने मायके वालों से उसे पिटवा भी चुकी है। मना करने के बावजूद वह अपने मायके जाने से बाज नहीं आ रही थी। वहीं रईसा के भाई फरियाद अली का कहना है कि अब्दुल रऊफ कोई काम धंधा नहीं करता और शुरुआत से ही नशे का आदी है। वह नशे के दौरान उनकी बहन रईसा से अक्सर मारपीट करता था। नशे के लिए पत्नी से पैसों की मांग करता था। पैसे न मिलने पर परिवार में झगड़ा करता था। करीब डेढ़ माह पूर्व भी अब्दुल रऊफ ने उनकी बहन पर हमला करते हुए उसके पैर तोड़ दिए थे। पति से परेशान होकर रईसा मायके में आकर रहने लगती थी।
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