लखीमपुर। खीरीयूपी के लखीमपुर खीरी के तिकुनिया इलाके में पिछले कई दिनों से चल रहे ऑपरेशन टाइगर को मंगलवार की सुबह बड़ी सफलता मिली है। यहां दहशत का पर्याय बने बाघों में से एक बाघिन को वन विभाग ने पिंजड़े में कैद कर लिया है। तिकुनिया इलाके के 3 किलोमीटर के दायरे में 11 दिन के अंदर बाघिन ने तीन लोगों की जान ली थी।
पकड़ी गई बाघिन को वन विभाग कतर्नियाघाट बहराइच ले गया है, वही उसका स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा। साथ ही यह निर्णय भी लिया जाएगा कि अब इसे कहां भेजा जाए। बेलरायां रेंजर विमलेश कुमार ने बाघिन के पकड़े जाने की पुष्टि करते हुए बताया कि सभी उच्चाधिकारियों को बहराइच बुलाया गया है।
रविवार अपरान्ह तेलियार के नरेंद्रनगर बेली टपरा नंबर एक निवासी नागेंद्र सिंह (30) अपनी पत्नी मीना और अन्य लोगों के साथ गांव के पूरब खेतों में घास काटने गया था। मझरा पूरब के दुमेड़ा निवासी इतवारी दास के गन्ने के खेत में घास काटते समय पीछे से आया बाघ उसे दबोचकर पड़ोस के राजकुमार पांडे के गन्ने के खेत में खींच ले गया और नागेंद्र के शरीर का कुछ हिस्सा खा लिया। रात तक नागेंद्र के वहां से थोड़ी दूर खड़े डनलप पर वापस न आने पर उसकी पत्नी ने घर फोन किया। इसके बाद गांववाले लाठी-डंडे और ट्रैक्टर आदि लेकर पहुंचे। तहसीलदार, लेखपाल, पढ़ुआ चौकी पुलिस और वनकर्मियों के साथ काफी देर खोजबीन के बाद रात करीब 11 बजे नागेंद्र की अधखाई लाश मिली। आक्रोशित ग्रामीणों ने सोमवार सुबह डीएफओ और अन्य अफसरों के काफी समझाने पर पोस्टमार्टम के लिए लाश सौंपी।
अभी इस घटना की आग ठंडी भी नहीं हुई थी कि यहां से करीब बारह किमी दूर खैरटिया गांव में अपरान्ह करीब तीन बजे खेत में धान रोप रही महिला को बाघ खींच ले गया। खैरटिया निवासी बंता सिंह की पत्नी मिंदर कौर (43) सोमवार को मजदूर के साथ खेत में धान रोप रही थी। इसी बीच आसपास कहीं मौजूद बाघ मिंदर कौर को पकड़कर पास के गन्ने के खेत में खींच ले गया। चीख सुनकर आसपास खेतों में मौजूद लोगों शोर मचाते हुए पीछा किया। इसके बाद उसकी लाश बरामद हुई। ग्रामीणों के भारी दबाव के बाद सोमवार की पूरी रात वन विभाग ने अभियान चलाया। मंगलवार की सुबह तीन बजे एक बाघिन वन विभाग के पिंजरे में कैद हो गई।
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