मुंबई। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख और अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बर्खास्त सहायक पुलिस निरीक्षक और आरोपी सचिन वाजे को सरकारी गवाह बनाने की अनुमति दे दी है। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बर्खास्त चल रहे वाजे को पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख और अन्य के खिलाफ गवाह बनाने की अनुमति मिली है।
सचिन वाजे द्वारा अदालत में दायर अर्जी पर अपना जवाब दाखिल करते हुए प्रवर्तन निदेशालय ने बर्खास्त पुलिस अधिकारी को सरकारी गवाह बनाने की इजाजत दे दी है। सीबीआई की ओर से महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख और अन्य के खिलाफ भ्रष्टाचार के एक अन्य मामले में सचिन वाजे को सरकारी गवाह बनाया गया है।
मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सचिन वाजे ने इस साल की फरवरी में प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों को चिट्ठी लिखकर अनिल देशमुख और अन्य के खिलाफ भ्रष्टाचार मामले में सरकारी गवाह बनने की इजाजत मांगी थी। निदेशालय के अधिकारियों को लिखे पत्र में उसने कहा था कि उसे इस मामले में माफ किया जाना चाहिए और सरकारी गवाह बनाना चाहिए। सरकारी गवाह बनने की अनुमति मिलने के बाद वाजे को बड़ी राहत मिली है।
वाजे को दक्षिण मुंबई में उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर पास एक गाड़ी में विस्फोटक पदार्थ पाये जाने के मामले में और ठाणे के कारोबारी मनसुख हिरेन की हत्या में कथित भूमिका के लिए पिछले साल मार्च में गिरफ्तार किया गया था। वाजे इस समय न्यायिक हिरासत में हैं। मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह ने पिछले साल मार्च में आरोप लगाया था कि महाराष्ट्र के तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख ने पुलिस अफसरों को मुंबई के रेस्तरां और बार से हर महीने 100 करोड़ रुपये की उगाही का काम सौंपा है।
सीबीआई ने बंबई उच्च न्यायालय के आदेश के बाद पिछले साल अप्रैल में देशमुख, वाजे और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी। अदालत के आदेश के बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता देशमुख ने राज्य मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था।
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