दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घाटन किए जाने के बाद प्रगति मैदान टनल और पांच अंडरपास को सोमवार सुबह नौ बजे से यातायात के लिए खोल दिया है।
चार साल के इंतजार के बाद सोमवार से वाहन चालकों को सुरंग सड़क में वाहन दौड़ाने की आजादी मिल गई है। अब चारों अंडरपास से मथुरा रोड सिग्नल फ्री हो गया और सुरंग सड़क से नई दिल्ली की तरफ से रिंग रोड होते हुए यमुनापार और नोएडा की ओर आना-जाना आसान हो गया है। फिलहाल सुबह आठ बजे से रात आठ बजे तक ही खुलने की योजना पर इंडिया ट्रेड प्रमोशन आर्गनाइजेशन (आइटीपीओ) काम कर रहा है।
पहले दिन ट्रैफिक पुलिस के लिए चुनौती रहेगी कि टनल के अंदर यातायात सामान्य रूप से संचालित हो। क्योंकि टनल से बाहर निकलने के काफी रास्ते हैं, जिसके चलते लोगों को गलतफहमी भी हो सकती है। इसी को देखते हुए भारतीय व्यापार संवर्धन संगठन (आईटीपीओ) ने पुलिस से अनुरोध किया है कि वो कुछ दिनों तक टनल के अंदर यातायात पर नजर रखे। इसके साथ ही टनल के अंदर अलग से निर्माण एजेंसी ने भी गार्ड की तैनाती की है।
रिंग रोड पर निकलने के दो रास्ते
– पहला निकासी प्वॉइंट राजघाट की तरफ जाने वाले वाहनों के लिए बनाया गया है।
– दूसरे निकासी प्वॉइंट से आप रिंग रोड पर नोएडा, सराय काले खां और गाजियाबाद की तरफ निकलेंगे।
रिंग रोड से इंडिया गेट जाने के लिए
– नोएडा, सराय काले खां और गाजियाबाद से आने वाले वाहन अपनी साइड से टनल के अंदर प्रवेश करेंगे।
– आईटीओ और राजघाट की तरफ से आने वाले वाहन भी अपनी साइड से टनल के अंदर सीधे प्रवेश करेंगे।
छह ऋतु को प्रदर्शित करती हैं पेंटिंग
1.3 किलोमीटर लंबी टनल में छह ऋतु पर आधारित पेंटिंग बनाई गई है जो शीत, वसंत, ग्रीष्म, वर्षा, शरद और हेमंत ऋतु को प्रदर्शित करती है। दावा किया जा रहा है कि यह दुनिया की सबसे लंबी हाथ से बनाई गई पेंटिंग है, जिनमें देश के अलग-अलग हिस्सों की कला संस्कृति को भी उकेरा गया है। प्रधानमंत्री ने भी टनल के निरीक्षण के दौरान इन पेंटिंग को बारीकी से देखा। उन्होंने कहा कि खुली जीप में चलने के बाद मैं अपने आप को नीचे उतरने से रोक नहीं पाया। क्योंकि टनल के अंदर बनाई गई पेंटिंग अद्भुत हैं और इन्हें हर किसी को देखना चाहिए।
मैं, संसद सत्र के दौरान सभी सदस्यों से भी कहूंगा कि वो अपने परिवार के साथ पैदल टनल को देखने जाएं। इसके साथ ही विदेश मंत्रालय से भी कहूंगा कि दिल्ली में जितनी भी एंबेसी हैं, उनके अधिकारियों को यहां पर लाएं, जिससे वो जान सकें कि केरल, महाराष्ट्र, उड़ीसा व अन्य राज्य कैसे हैं। इसके साथ ही टनल पर ऐसे लोगों को लिखने के लिए आमंत्रित किया जाए जिन्हें कला-संस्कृति और इतिहास में रुचि है।
सुरंग सड़क की खास बातें।
- 1.6 किमी लंबी यह सुरंग सड़क है, पुराना किला से शुरू होकर रिंग रोड पर निकलती है।
- इसमें तीन लेन आने और तीन लेन जाने के लिए हैं।
- इसके अंदर से आइटीपीओ की पार्किंग में आने-जाने के लिए भी रास्ता दिया गया है।
- 923 करोड़ रुपये खर्च
- 15 से 20 मिनट के समय की बचत होगी
- 78 प्रतिशत तक वाहन आइटीओ व मथुरा रोड से गुजरने वाले इस सुरंग का इस्तेमाल करेंगे
- वाहनों के जाम की समस्या खत्म होने की वजह से 13000 टन कार्बनडाई आक्साइड की प्रतिवर्ष कमी आएगी।
- 3.5 लाख वाहन लगभग प्रतिदिन आइटीओ डब्ल्यू प्वाइंट से गुजरते हैं।
- 128 सीसीटीवी कैमरे सुरंग के अंदर की सुरक्षा और निगरानी के लिए लगाए गए हैं।
- 28 एग्जास्ट फैन जर्मनी निर्मित लगाए गए हैं, जिससे अंदर का तापमान नियंत्रित किया जा सके।
- 4,800 वाहन पार्क हो सकेंगे
- प्रगति मैदान के अंदर बनाई जा रही बेसमेंट पार्किंग में यहां से आने वालों को जाम से राहत मिलेगी।
- नई दिल्ली, मध्य दिल्ली की ओर से मयूर विहार- नोएडा, पूर्वी दिल्ली या गाजियाबाद आदि इलाके में आना जाना है, वे अब -आइटीओ या भैरों मार्ग से न होकर सुरंग सड़क का उपयोग करेंगे।
- आइटीओ डब्ल्यू प्वाइंट से लेकर लाला रामचरण अग्रवाल चौक से लेकर आइटीओ इलाके में आने-जाने वालों को विकास मार्ग पर लगने वाले जाम से राहत मिलेगी किस अंडरपास से किन लोगों को लाभ मिलेगा।
प्रधानमंत्री के सुझाव पर गंभीरता से करेंगे समीक्षा: एलसी गोयल
आईटीपीओ के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक एलसी गोयल का कहना है कि प्रधानमंत्री ने सुझाव दिया है कि टनल के अंदर विश्व की सबसे बड़े पेंटिंग बनाई गई है। इसका लाभ हमारे स्कूल-कॉलेज में पढ़ने वाले बच्चों और आम लोगों को भी मिलना चाहिए। इसके लिए अगर संभव हो तो टनल को रविवार के दिन चार से छह घंटे बंद रखकर उन्हें घूमने का मौका दिया जाए। इसके लिए अब आईटीपीओ दिल्ली पुलिस के साथ मिलकर गंभीरता से समीक्षा करेगा। अगर संभव हुआ तो इसे जल्द ही अमल में भी लाने का प्रयास रहेगा। बाकी हमने टनल को सोमवार सुबह 9 बजे खोलने का समय निर्धारित किया है।